Noida Metro: उत्तर प्रदेश को आधुनिक परिवहन सुविधाओं से लैस करने के लिए योगी सरकार ने नोएडा मेट्रो एक्वा लाइन को एडवांस पैसेंजर इनफॉर्मेशन डिस्पले सिस्टम (पीआईडीएस) की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिसमें इनफॉर्मेशनल डिस्प्ले सिस्टम को रिप्लेस किया जाएगा और इनकी जगह नए सिस्टम को इंस्टॉल किया जाएगा।
वहीं सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर में नए इंस्टॉलेशन व अपडेशन समेत अन्य जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा किया जाएगा। इस परियोजना में नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एनएमआरसी) के 21 मेट्रो स्टेशंस को पीआईडीएस युक्त किया जाएगा। प्रक्रिया में कुल 88 पीआईडीएस सिस्टम इंस्टॉल होंगे जो मेट्रो रेलवे प्लैटफॉर्म्स की दोनों तरफ लगाए जाएंगे।
वहीं हर स्टेशन के कॉन्कोर्स में कुल 42 पीआईडीएस इंस्टॉल किए जाएंगे, इस पूरी प्रक्रिया में 11.27 करोड़ रुपए का खर्च होगा और इस प्रक्रिया को पूरा करने का काम एनएमआरसी एजेंसी ने आरएफपी माध्यम से शुरू कर दिया है। एनएमआरसी मेट्रो रेल कॉरिडोर (एक्वा लाइन) 29.7 किलोमीटर लंबी है और इसे नोएडा ग्रेटर नोएडा मेट्रो रेल कॉरिडोर के नाम से जाना जाता है।
डिपो स्टेशन पर इंस्टॉल होंगे सर्वाधिक पीआईडीएस
एक्वा लाइन मे कुल 21 मेट्रो स्टेशन शामिल हैं जो नोएडा सेक्टर 51 से शुरू होकर ग्रेटर नोएडा में डिपो स्टेशन पर समाप्त होते हैं। परियोजना के अंतर्गत सेक्टर 51 मेट्रो स्टेशन के अप व डाउन प्लैटफॉर्म्स पर 2-2 यानी कुल 4 पीआईडीएस इंस्टॉल होंगे। इसी प्रकार सेक्टर 50, सेक्टर 76, सेक्टर 81, सेक्टर 101, एनएसईजेड, सेक्टर 83, सेक्टर 137, सेक्टर 142, सेक्टर 143, सेक्टर 144, सेक्टर 145, सेक्टर 146, सेक्टर 147, सेक्टर 148, केपी-2, परी चौक, अल्फा-1, डेल्टा-1 तथा ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण मेट्रो स्टेशन के अप व डाउन प्लैटफॉर्म्स पर 2-2 यानी कुल 4 पीआईडीएस इंस्टॉल होंगे।
वहीं डिपो स्टेशन पर अप व डाउन प्लैटफॉर्म्स पर 2-2 पीआईडीएस के अतिरिक्त तीसरे प्लैटफॉर्म पर भी 2 पीआईडीएस इंस्टॉल होंगे, इस प्रकार सर्वाधिक 6 पीआईडीएस डिपो स्टेशन पर ही इंस्टॉल होंगे। योजना में सभी 21 स्टेशंस पर कुल मिलाकर 88 पीआईडीएस को इंस्टॉल व अपग्रेड किया जाएगा।
सभी स्टेशनों के प्लैटफॉर्म समेत कॉनकोर्स को भी पीआईडीएस युक्त किया जाएगा, कुल 21 मेट्रो स्टेशंस पर प्रति स्टेशन 2 पीआईडीएस के हिसाब से 42 पीआईडीएस को इंस्टॉल किया जाएगा। इन कार्यों को पूरा करने के लिए समयसीमा 10 महीने निर्धारित की गई है जिसे कार्यावंटन प्राप्त करने के बाद एजेंसी को सप्लाई, इंस्टॉलेशन, टेस्टिंग व कमीशनिंग प्रक्रिया के अंतर्गत पूरा करना होगा।