Lucknow: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपने ‘उत्तराधिकारी’ और पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया, बीएसपी प्रमुख ने पिछले साल दिसंबर महीने में आकाश आनंद को अपना ‘उत्तराधिकारी’ घोषित किया था और उन्हें हटाने का ये फैसला उस वक्त आया जब देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए वोटिंग खत्म हो गई।
पूर्व मुख्यमंत्री ने इसकी वजह उनका अपरिपक्व होना बताई गई है, मायावती ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि ‘विदित है कि बीएसपी एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के आत्मसम्मान व स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेन्ट है जिसके लिए कांशीराम जी व मैंने खुद भी अपनी पूरी जिन्दगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है।”
मायावती ने कहा कि ‘इसी क्रम में पार्टी में अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही आकाश आनन्द को नेशनल कोओर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। किन्तु पार्टी और मूवमेन्ट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है।
मायावती ने अपने भाई और आनंद के पिता के संदर्भ में पोस्ट में कहा, “हालांकि इनके पिता आनन्द कुमार पार्टी और आंदोलन में अपनी जिम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेंगे। बीएसपी का नेतृत्व पार्टी और आंदोलन के हित में और बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर के कारवां को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग और कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है।”
सीतापुर में चुनावी रैली में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में मायावती के भतीजे आकाश आनंद और चार और लोगों के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था। बीएसपी प्रमुख मायावती ने 10 दिसंबर, 2023 को लखनऊ में देश भर से आये पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था, आकाश आनंद ने छह अप्रैल को नगीना लोकसभा क्षेत्र से अपनी चुनावी रैलियों की शुरुआत की थी, बीएसपी के एक नेता के मुताबिक करीब 28 साल के आकाश आनंद 2017 से बीएसपी के साथ जुड़े हुए हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने आगरा में रैली को संबोधित किया था।