Ghaziabad: गाजियाबाद के डासना जेल में कैदी दिवाली के त्योहार के लिए दीये, मोमबत्तियां और कपड़ों पर बुने गए गणेश और लक्ष्मी की तस्वीरों जैसे अलग-अलग सामान तैयार करने में जुटे हैं।
कैदियों के बनाए सामानों की बिक्री से होने वाली आमदनी को सजा के आखिर में उन्हें सौंपा जाएगा ताकि रिहा होने पर वे इन पैसों का इस्तेमाल जिंदगी की नई पारी शुरू करने में कर सकें। कैदियों का कहना है कि “हमने बड़े पैमाने पर तैयारी की है, हमने मोमबत्तियाँ बनाई हैं और बड़े उत्साह से सजावट की है।”
Ghaziabad: 
इसके साथ ही जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने कहा कि “लोग जेलों को अंधकार का स्थान मानते हैं लेकिन हमारा प्रयास जेल को एक ऐसे केंद्र के रूप में विकसित करना है जहां हम समाज को अच्छे नागरिक लौटा सकें।
उन्होंने कहा कि कैदियों की प्रतिभा को पहचानने और उनका पोषण करने और उन्हें बेहतर इंसान बनाने का प्रयास करते हैं और वे यहां जो कुछ भी सीखते हैं वह उनके जीवन के साथ-साथ दूसरों के जीवन को भी रोशन करे।”