Ayodhya: अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही स्थानीय अर्थव्यवस्था पर असर दिखने लगा है, शहर में पूजा के सामान बेचने वालों की आमदनी बढ़ रही है।
अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं और खास कर युवाओं में तुलसी माला, रुद्राक्ष माला जैसे पवित्र समझे जाने वाले सामानों की ओर रुझान बढ़ रहा है, युवाओं में इस रुझान को साधु महात्मा सनातन धर्म से जोड़कर देख रहे हैं।
राज्य के टूरिज्म विभाग को उम्मीद थी कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा, मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है, उससे पहले ही स्थानीय अर्थव्यवस्था में मजबूती के आसार दिखने लगे हैं।
श्रद्धालुओं का कहना है कि “अभी जो राम मंदिर का काम जोर-शोर से चल रहा है, उसमें हम देख रहे हैं कि युवाओं का उत्साह बहुत बढ़ रहा है और युवा भी सनातन की तरफ आगे बढ़ रहे हैं और साथ में जो तुलसी जी की माला है, उसको भी धारण करने का बहुत ज्यादा युवाओं में उत्साह दिख रहा है।”
लोगों का कहना है कि “मंदिर बनने का जितना हम लोग के अंदर क्रेज है, उतना ही पूरे भारत के युवाओं के अंदर होना चाहिए। अधिक से अधिक भारत के युवा, मंदिर बन रहा है। मंदिर देखने आएं, दर्शन करने आएं। खास कर अपने सनातन धर्म का जितना अधिक से अधिक प्रचार हो, उतना अधिक से अधिक प्रचार करें।”
इसके साथ ही हनुमानगढ़ी के महंत ने बताया कि “सनातन के प्रति युवाओं में लगातार क्रेज बढ़ता हुआ। वो सनातन, जो सनातन ये कहता हो, सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया:. विश्व बंधुत्व के साथ और वसुधैव कुटुम्बकम् के साथ काम करें वो सनातन है। इसके नाते युवाओं में क्रेज बढ़ रहा है।”
वहीं व्यापारियों का कहना है कि “हां, इस समय युवा जो है, तुलसी की माला कुछ ज्यादा जो है, धारण करने। जब चौदह कोसी परिक्रमा वगैरह आता है तो यह तुलसी का माला का दुकान है, तुलसी का माला ज्यादा सेल होता है। और युवा तुलसी का माला कुछ ज्यादा ही पहन रहे हैं।”