Ayodhya: भारत की सबसे पवित्र नदियों में से एक मानी जाने वाली सरयू उत्तर प्रदेश की तीर्थ नगरी अयोध्या से होकर बहती है। हालांकि रामनगरी की पहचान इस नदी का पानी लगातार गंदा होता जा रहा है।
अयोध्या के लोगों का आरोप है कि पवित्र नदी में सीधे गिर रहे नालों के पानी से ये नदी प्रदूषित हो रही है, श्रद्धालुओं के चढ़ाए गए प्रसाद और फैले कचरे से भी सरयू नदी में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। लोग अयोध्या नगर निगम और जिला प्रशासन को दोषी मानते हैं, उनका दावा है कि इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया।
सरयू नदी के इस हाल को लेकर साधु-संतों और श्रद्धालुओं में काफी गुस्सा है। वे चाहते हैं कि नदी की पवित्रता को बनाए रखने के लिए तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए। कुछ कार्यकर्ताओं का ये भी आरोप है कि गंगा और उसकी सहायक नदियों को साफ और बेहतर बनाने के लिए शुरू की गई सरकारी पहल- नमामि गंगे परियोजना के तहत अयोध्या के लिए आवंटित धनराशि का सही इस्तेमाल नहीं किया गया।
अयोध्या नगर निगम सभी दावों को दरकिनार करते हुए कहा है कि सरयू नदी में गंदा पानी नहीं जा रहा है। हालांकि लोगों का कहना है कि बंद नालियों से होकर नदी में सीधे गंदा पानी बह रहा है, उनका आरोप है कि प्रशासन उनकी चिंताओं को जानबूझकर नजरअंदाज कर रहा है।
सरयू नृत्य आरती के अध्यक्ष शशिकांत दास का कहना है कि “अयोध्या नगर निगम के पदाधिकारीयों से महापौर जी से निवेदन करूंगा कि सरयू जी में जो गंदे नाले का पानी आ रहा है उन्हें तत्काल प्रभाव से रोका जाए और जो वहां घाटों पर दीपदान होता है, प्रशासन से भी मेरा अनुरोध है, प्रशासन से भी मेरी प्रार्थना है कि जो दोेने सरयू जी में बहाए जाते हैं या अन्य सामग्री सरयू जी में डाली जाती हैं उसके लिए प्रशासन एक कड़ा कदम उठाए। वहां पर घाटों पर रहने वाले जो दीप बेचने वाले माली लोग हैं उनके ऊपर भी एक नियम लागू हो कि वो ना कचरा कर सकें। सरयू जी को निर्मल और स्वच्छ रख सकें।”
पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि “मैं यहां के प्रशासन से, नगर निगम से, उत्तर प्रदेश सरकार से मैं ये मार्क कर रहा हूं कि बहुत जल्दी, जितना जल्दी हो सके इसका संज्ञान लीजिए और गंदा पानी जाने से रोकिए। जो भी पानी सरयू जी में जा रहा है वो बिल्कुल स्वच्छ होकर फिल्टर होकर ही जाए। जो भी यहां फिल्टर लगे हैं वो सब जो है तो खराब पड़े हैं और पानी सीधे ही सरयू जी में जा रहा हैं और हम साधू संत इसके लिए जो भी वो कहें, अगर सरकार के पास पैसे की कमी है तो हम लोग साधु संत फंड देने को तैयार हैं।”
महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने बताया कि “गंदा पाना सरयू नदी में कहीं नहीं जा रहा है। जहां पर भी पानी जा रहा है हम उसके बायोरेमेडिएशन करके ही भेजते हैं। सब जगह जो सरयू में नाले गिरते हैं उसको हम लोगों ने टेप करके रखा है और उसके बाद ही उसमें कोई पानी जा पाता है, जब उसका बायोरेमेडिएशन हो जाता है। हमारी एसटीपी जो सरयू नदी में गिरने वाले नाले के ट्रीटमेंट प्लांट है वो भी लगभग तैयार है।”