Agra: उत्तर प्रदेश के आगरा का कैस्पर होम, स्ट्रीट डॉग का आशियाना बन चुका है, यहां कुत्तों के लिए एक रेस्क्यू और रिहैब सेंटर भी है, जो 2016 से उनकी देखभाल कर रहा है, विनीता अरोड़ा ने सड़क दुर्घटना में मारे गए अपने पालतू कुत्ते कैस्पर की याद में कैस्पर होम शुरू किया था, फिलहाल यह लगभग 200 कुत्तों का घर है।
विनीता के मुताबिक शेल्टर होम में अलग-अलग नस्लों के बीच कोई भेदभाव नहीं होता है, खास जरूरत वाले कुत्तों को चलने में मदद करने के लिए पहिए वाली गाड़ियां दी जाती हैं, ताकि वह बेहतर जीवन जी सकें, आगरा शहर में जानवरों की भलाई के लिए काम करने वाली विनीता अरोड़ा और उनके कैस्पर्स होम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है।
कैस्पर होम के डायरेक्टर विनीता अरोड़ा ने बताया कि “मैं बचपन से ही बहुत बड़ी पशु प्रेमी थी, खासकर देशी डॉग्स से बहुत प्यार करती थी, क्योंकि वो भेदभाव मुझे काफी टाइम से मालूम था कि क्या भेदभाव उनके साथ होता है। इनके लिए हमेशा से मैं प्रयत्न करती थी, खाना डालती थी और कई एनजीओ के साथ जुड़ी, लेकिन अपने शेल्टर का ऐसा मेरा कई विचार नहीं था, क्योंकि बहुत पैसा देते थे हम लोग शेल्टर को और बहुत सेवा करते थे उधर।”
इसके साथ ही कहा कि “बाकी जो शेल्टर हैं वो बोलते हैं बम ब्रीड वाले डॉग्स को नहीं रखते हैं, लेकिन मुझे यह लॉजिक समझ में नहीं आता है, क्योंकि अगर एक ब्रीड वाला कुत्ता कोई सड़क पर छोड़ जाए या आप उसका बंधा हुआ पाते हो तो पशु क्रूरता का केस लड़कर आप उसको रखोगे तो सही न, बाद में चाहे आगे अडॉप्ट करा दो, लेकिन मैं इनको भी पालने लगी। इसीलिए नंबर इतने बढ़ते चले गए और हम लोग अब मिलजुलकर एक और ये वाला बड़ा वाला यूनिट इसीलिए बनाया है।”