Agra: आगरा में लोग भूमिगत मेट्रो सुरंग बनने से परेशान, बोले घरों को पहुंच रहा है नुकसान

 Agra: उत्तर प्रदेश के आगरा में मोती कटरा के लोग भूमिगत मेट्रो सुरंग बनने से परेशान हैं। उनका कहना है कि सुरंग बनने से उनके घरों को नुकसान पहुंच रहा है, लोगों का कहना है कि कुछ घर गिरने के कगार पर पहुंच गए हैं।

मेट्रो अधिकारी इन आरोपों को खारिज करते हैं। उनका कहना है कि सुरंग बनाने से पहले तमाम एहतियात बरते गए हैं। कमजोर घरों में रहने वालों को समय रहते दूसरी जगहों पर भेजा गया है।लोग अधिकारियों के दावों को नकार रहे हैं, वह अपने घरों में दरारों का हवाला देते हुए प्रशासन से जल्द अपनी परेशानी दूर करने की अपील कर रहे हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि “हमारे तो पूरे मकान में ही दरार आईं हैं। नीचे से लेकर तीन मंजिल के मकानों में दरार आईं हैं। ये 30 सितंबर से शुरू हुई है, जब मेट्रो आई, निकली घर के पास से, उसी रात से दरार हल्की सी आई थी लेकिन सुबह तक तो बढ़ती गईं हैं, शाम तक तो बहुत बढ़ गई। उसे बाद अधिकारी बगैरा आए थे सब देख गए हैं, उसके बाद मरम्मत भी कराई है, मरम्मत के बाद दो तीन दिन बाद फिर दरारें आईं हैं।”

“ये मेट्रो निकलने की वजह से हमारे घरों में दिक्कतें हो गई हैं। पूरे घर में सारी दीवारें हिल गईं है पूरी। नीचे के फर्श पूरे चटक गए है हमारे। ऊपर को जो रूम हैं पूरे ऊपर के रूम हिल गया, ऊपर से जो कोई काम करते हैं तो सारा पानी नीचे आता है पूरे। घर में सारे दिन पानी बहता रहता है। पूरा हमारे कमरे में इतना पानी आता है, हम बहुत परेशान हैं। मेट्रो वाले आते हैं कहते हैं, मेट्रो निकल जाएगी तो हम आपका सही करवा के देंगे।”

लोगों का कहना है कि”यह मेट्रो की करीब पौने दो महीने पहले यहां से जो एक लाइन निकली है आप लाइन जो निकली है उसके कारण मेट्रो के अंडर ग्राउंड जो खुदाई हुई है, उस खुदाई के कारण सारे मकान जो है क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जैसे कि आप मेरे पीछे देख रहे हैं ये जो मकान है सामने वाले छज्जे पर जाकर टिक गया है। इस तरीके से और जो क्षेत्र में मकान हैं इसमें इतना गेप था,उस गेप के कारण जो है ये सामने छज्जे से जाकर के टिक गया, शायद ये छज्जा नहीं होता तो ये गिर भी जाता।”

मेट्रो अधिकारी पंचानन मिश्र ने बताया कि “कुछ यह बातें आ रहीं है कि वहां 1,700 घर हैं, घरों की संख्या बहुत ज्यादा है, तो ये बातें भी बिल्कुल भ्रामक है। हमने उसका बिल्डिंग कंडीशन सर्वे पहले ही कराया था उन इलाकों का जिसमें जो बिल्डिंग सेंसेटिव थी उनको कहा गया कि आप लोग खाली करिए। कुछ लोगों को होटल में भेजा गया। बाकी जो बिल्डिंग ठीक थी उनको मजबूती देकर जैक जिसको आप लोग बोलते हैं वो देकर ठीक किया गया लोग वहां रह रहे हैं। ये जो हमारा काम है वहां से लगभग कटरा से हो चुका है। टीबीएम वहां से आगे बढ़ चुकी हैं। तो कुछ ही दिनों में वो काम भी पूर्ण हो जाएगा।”

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