Test cricket: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने कहा कि वह विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के फैसले से हैरान थे क्योंकि वे मानते हैं कि स्टार बल्लेबाज में लंबे प्रारूप में खेलने के लिए 2-3 साल और बचे थे।
शास्त्री का कहना है कि लगातार सार्वजनिक टीकाटिप्पणी से कोहली मानसिक रूप से थक चुके थे, कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की जिसके साथ ही इस फॉर्मेट में उनके करियर का अंत हो गया। विराट ने 123 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 46.85 की औसत से 9,230 रन बनाए। इसमें 30 शतक शामिल हैं।
शास्त्री ने खुलासा किया कि कोहली द्वारा संन्यास का फैसला सार्वजनिक करने से कुछ समय पहले उन्होंने उनसे बात की थी। शास्त्री ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) रिव्यू से कहा, ‘‘मैंने उनसे इस बारे में बात की थी। मुझे लगता है कि उनके संन्यास की घोषणा से एक हफ्ते पहले उनकी सोच बहुत स्पष्ट था, उन्हें कोई पछतावा नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विराट ने मुझे चौंका दिया क्योंकि मुझे लगा कि उनमें टेस्ट क्रिकेट के लिए कम से कम दो-तीन साल बाकी हैं। लेकिन फिर जब आप मानसिक रूप से थके हुए होते हैं तो यही आपके शरीर को बताता है। आप शारीरिक रूप से इस क्षेत्र में सबसे फिट व्यक्ति हो सकते हैं।’’ शास्त्री ने कहा, ‘‘आप अपनी टीम के आधे से ज्यादा खिलाड़ियों से अधिक फिट हो सकते हैं, लेकिन मानसिक रूप से आप थके हैं तो ये शरीर को एक संदेश भेजता है। आप जानते ही हैं।’’
अपनी बातचीत के बारे में बताते हुए शास्त्री ने कहा कि कोहली का आकर्षक व्यक्तित्व और लगातार सुर्खियों में रहने के कारण वे ‘बर्नआउट’ (थकान) हो गए। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें दुनिया भर में तारीफ मिली है। पिछले दशक में किसी भी दूसरे क्रिकेटर की तुलना में उनके ज्यादा प्रशंसक
हैं। चाहे वो ऑस्ट्रेलिया हो, चाहे वो दक्षिण अफ्रीका हो, उन्होंने लोगों को खेल देखने के लिए प्रेरित किया।’’
कोहली ने भारत को 68 टेस्ट मैचों में 40 जीत दिलाई जो किसी भी भारतीय कप्तान की अब तक की सबसे ज्यादा जीत है। शास्त्री ने कहा, ‘‘अगर उन्होंने कुछ करने का फैसला किया तो उन्होंने अपना सौ फीसदी दिया जिसकी बराबरी करना आसान नहीं है।’’शास्त्री ने कोहली के साथ भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास में सबसे सफल कोच-कप्तान की जोड़ी बनाई।
उन्होंने कहा, ‘‘एक खिलाड़ी अपना काम करता है, फिर आप आराम से बैठ जाते हैं। लेकिन (कोहली के साथ) जब टीम आउट हो जाती है तो ऐसा लगता है जैसे उन्हें सभी विकेट लेने हैं, उन्हें सभी कैच लेने हैं, उन्हें मैदान पर सभी फैसले लेने हैं।’’ शास्त्री ने कहा कि भारत की तरफ से इतना खेलने के बाद कोई खिलाड़ी अगर आराम नहीं करते तो वे थकान उस पर हावी हो सकती है।