IPL 2025: 2012 से 2015 के बीच के स्वर्णिम युग में आर अश्विन और रवींद्र जडेजा चेन्नई सुपर किंग्स में स्पिन के डबल इंजन थे। उन्होंने 67 मैचों में 55-55 विकेट लिए जिससे चेपॉक एक किला बन गया। उनके तालमेल- अश्विन की चतुर विविधता और जडेजा की अचूक सटीकता ने उस दौरान CSK को अपने 25 घरेलू खेलों में से 18 को जीतने में मदद की। एक दशक बाद CSK ने पुरानी यादों और अनुभव का सहारा लिया और अश्विन को जडेजा के साथ पीले रंग की जर्सी में वापस लाने के लिए 9.75 करोड़ रुपये खर्च किए, ताकि उस प्रमुख जोड़ी का जादू फिर देखा जा सके।
घर पर लगातार दो हार के साथ, CSK अब खुद को एक ऐसी स्थिति में पाता है जहां उसे जीत के लिए इन दोनों स्पिनरों के जादू की जरूरत है। अश्विन का आईपीएल 2025 में अभियान उथल-पुथल भरा रहा है। उन्होंने पांच विकेट लिए हैं लेकिन लगभग 10 रन प्रति ओवर की दर से रन लुटाए हैं। इस दौरान पांच में से तीन मैचों में उन्होंने अपना पूरा कोटा ही फेंका है। सबसे ज़्यादा चिंताजनक बात उनका पावरप्ले में प्रदर्शन है। इस दौरान उन्होंने 30 गेंदों पर 78 रन देकर सिर्फ़ एक विकेट लिया।
हालांकि ये सिर्फ फॉर्म की बात नहीं है। टी20 खेल में नाटकीय रूप से बदलाव आया है। बल्लेबाज अब पहली गेंद से ही हिट मारने की कोशिश करते हैं और पावरप्ले अब शीर्ष स्पिनरों के लिए भी कब्रगाह बन गया है। अश्विन को चेपक की पिचों से बहुत कम मदद मिल रही है। उनकी गेंद अब पहले जैसी टर्न नहीं लेती है। आंकड़ों के बावजूद CSK के कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने अश्विन की भूमिका का समर्थन किया है।
इस बीच जडेजा 8.07 की इकॉनमी के साथ अपने आम किफ़ायती अंदाज़ में खेल रहे हैं, लेकिन पांच मैचों में उन्होंने सिर्फ़ दो विकेट लिए हैं। उन्होंने किसी भी मैच में अपना चार ओवर का कोटा पूरा नहीं किया है, जिसकी वजह से अक्सर फ़ॉर्म में चल रहे नूर अहमद को मौका मिलता है। अफ़गानिस्तान के इस कलाई के स्पिनर ने पाँच मैचों में 11 विकेट लेकर पर्पल कैप अपने नाम कर रखी है और बीच के ओवरों में वे पसंदीदा विकल्प रहे हैं।