Somvar Vrat: शिव भक्ति का विशेष दिन, कथा विधि और लाभ

Somvar Vrat: हिन्दू धर्म में सोमवार व्रत (Somvar Vrat) का विशेष महत्व है, जिसे भगवान शिव की पूजा और उपासना के रूप में मनाया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से संतान सुख, वैवाहिक जीवन में सुख-शांति, और समृद्धि की प्राप्ति के लिए किया जाता है। विशेष रूप से श्रावण मास में यह व्रत अधिक फलदायी माना जाता है, लेकिन इसे पूरे वर्ष में किसी भी सोमवार से आरंभ किया जा सकता है।

सोमवार व्रत की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय एक साहूकार संतान सुख के लिए भगवान शिव की उपासना करता था। उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उसे पुत्र रत्न का आशीर्वाद दिया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि उस पुत्र की आयु केवल बारह वर्ष होगी। कुछ समय बाद वह बालक बारह वर्ष का हुआ और उसकी मृत्यु हो गई। साहूकार के विलाप को देखकर माता पार्वती ने भगवान शिव से उसके पुत्र को पुनः जीवित करने की प्रार्थना की। भगवान शिव ने माता पार्वती की बात मानी और उस बालक को पुनः जीवित कर दिया। इस घटना से यह सिद्ध होता है कि सोमवार व्रत से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है ।

सोमवार व्रत की विधि
सोमवार व्रत की विधि सरल और प्रभावशाली है। व्रतधारी को प्रातः सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करना चाहिए और स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। फिर भगवान शिव का पूजन करना चाहिए। पूजन में गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक, बेलपत्र, सफेद फूल, चंदन, चावल, फल, पंचामृत, और धतूरा अर्पित करना चाहिए। ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते हुए पूजा करनी चाहिए। दिनभर उपवासी रहकर फलाहार करना चाहिए और रात्रि में शिव व्रत कथा सुननी चाहिए। पूजा के बाद आरती करके प्रसाद का वितरण करना चाहिए ।

सोमवार व्रत के लाभ
सोमवार व्रत से मानसिक शांति, संतान सुख, वैवाहिक जीवन में सुख-शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह व्रत विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति के लिए किया जाता है। साथ ही, यह व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक सरल और प्रभावशाली उपाय है। सोमवार व्रत केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह एक साधना है जो श्रद्धा, संयम और आस्था से जीवन को सकारात्मक दिशा प्रदान करती है।

 

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