Baisakhi: पंजाब के चंडीगढ़ में लोग भांगड़े के साथ नाचते-गाते बैसाखी मना रहे हैं, बैसाखी के त्योहार को फसल की कटाई के सीजन की शुरुआत माना जाता है। सिख कैलेंडर के मुताबिक यह नया साल शुरू होने का भी प्रतीक है, पंजाब और देश के उत्तरी राज्यों में लोग इस त्योहार को बहुत धूमधाम और जोश के साथ मनाते हैं।
सिख समुदाय से जुड़े लोग इस दिन गुरुद्वारे जाते हैं और लंगर तैयार करते हैं और लोगों में बांटते हैं, बैसाखी के मौके पर लोगों ने एक-दूसरे को बधाई देते हुए कहा कि मानवता से बड़ा कोई दूसरा धर्म नहीं है। लोगों का कहना है कि “बैसाखी के शुभ अवसर पर सभी चंडीगढ़ वासियों को और पूरे देश को यह संदेश देना चाहता हूं कि हम भाईचारा बनाए रखें। सबसे बड़ा धर्म मानव धर्म है, उसको हम सहेज कर रखें और उसको जितना भी हो सके आगे बढ़ाएं। हमारा पैगाम मोहब्बत है, जहां तक पहुंचे। तो हम आपस में प्यार-मोहब्बत बनाकर इस तरह से त्योहार मनाते हैं और आगे भी दीगर लोगों को कहते हैं कि इसी तरह मिल-जुलकर सभी त्योहार मनाने चाहिए।”
उन्होंने कहा कि “बैसाखी के ऊपर तो यही मैसेज है कि सारे जितने भी अपने हिंदुस्तान के बाशिंदे हैं, सभी आपस में मिलकर रहें, आपस में भाईचारा बनाकर रखें, यही बैसाखी का सबसे बड़ा महत्व है। यह जो हमारा धर्म है इंसानियत का, ये सबसे बड़ा है। मैं सबसे पहले आपके माध्यम से कहना चाहूंगा कि ये जो बैसाखी का पर्व है ये खुशियों का पर्व है और ये हमारे लिए इतनी खुशियां लेकर आता है, पूरे हिंदुस्तान के लिए।”