मजीठिया के ठिकानों पर SIT की ताबड़तोड़ छापेमारी, पंजाब पुलिस भी कर रही तलाश

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चंडीगढ़. पंजाब के पूर्व मंत्री एवं शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया (bikram singh majithia) के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज किया गया है. इसके बाद उनके घर पर छापे पड़े, हालांकि वह अपने घर मिले नहीं. शिअद ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है. मिली जानकारी के अनुसार SIT की चार टीमों ने 16 जगह छापे मारे. पुलिस सूत्रों के मुताबिक पंजाब पुलिस की टीम देर रात 3:30 बजे चंडीगढ़ स्थित मजीठिया के सरकारी फ्लैट पर पहुंची लेकिन वहां कोई नहीं मिला.सूत्रों के मुताबिक केस दर्ज होने के बाद मजीठिया के पंजाब से बाहर जाने की खबर है उधर पंजाब पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है.

सूत्रों के अनुसार ASP बलराज सिंह के पर्यवेक्षण में डीएसपी राजेश कुमार और कुलवंत सिंह छापेमारी कर रह हैं. SIT ने मंगलवार शाम एक लिस्ट भी तैयार की है जिसमें मजीठिया के करीबी लोगों से भी पूछताछ की तैयारी की जा रही है.

राज्य में मादक पदार्थ से जुड़े 2018 के एक मामले की स्थिति रिपोर्ट के आधार पर मजीठिया के खिलाफ स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ (NDPS)अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. यह रिपोर्ट मादक पदार्थ विरोधी विशेष कार्य बल (STF) के प्रमुख हरप्रीत सिंह सिद्धू ने 2018 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में दाखिल की थी.

क्या है मामला?
मजीठिया शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के साले और पूर्व केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई हैं. शिअद ने मजीठिया के खिलाफ प्राथमिकी को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ करार दिया है. मोहाली थाना पुलिस की अपराध शाखा ने NDPS कानून के तहत मजीठिया के खिलाफ 49 पन्नों की प्राथमिकी दर्ज की है. प्राथमिकी में धारा 25 (अपराध करने के लिए अपने परिसर का उपयोग करने देने की सजा), 27ए (मादक पदार्थ की खरीद, बिक्री, उत्पादन, विनिर्माण, भंडारण, परिवहन, उपयोग, आयात या निर्यात) और 29 (अपराध की योजना बनाना या उसके लिए उकसाना) शामिल हैं.

FIR में कहा गया है कि मामला दर्ज करने से पहले पंजाब के महाधिवक्ता से कानूनी सलाह भी ली गई थी. प्राथमिकी के अनुसार, ‘STF की स्थिति रिपोर्ट के साथ-साथ महाधिवक्ता के विचार में जमानती अपराध हुआ है इसलिए मामला दर्ज कर जांच की जा रही है.’ उसमें कहा गया है कि मामले की जांच विशेष जांच एल (SIT) द्वारा की जानी चाहिए, जिसके लिए अलग से आदेश जारी किए जाएंगे.

हाईकोर्ट में दाखिल रिपोर्ट में क्या है?
हाई कोर्ट में लंबित STF की यह रिपोर्ट जगजीत सिंह चहल, जगदीश सिंह भोला और मनिंदर सिंह औलख सहित कुछ आरोपियों के बयान पर आधार है. ये सभी 2013 के करोड़ों रूपये के मादक पदार्थ रैकेट मामले में आरोपी हैं जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है. इस मामले में ईडी ने दिसंबर 2014 में मजीठिया से भी पूछताछ की थी, उस दौरान वह अकाली सरकार में मंत्री थे.

इस घटनाक्रम पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि राज्य सरकार मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने और पंजाबियों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है. चन्नी ने ट्वीट किया है, ‘पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर गठित STF की रिपोर्ट के आधार पर बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ मोहाली में अपराध शाखा द्वारा प्राथमिकी दर्ज किया जाना उन सभी (राज्य के मादक पदार्थ पीड़ितों) को न्याय दिलाने के लिए आज पहला कदम उठाया गया है.’ उन्होंने कहा, ‘यह मुश्किल लड़ाई है और मेरा सभी पंजाबियों से अनुरोध है कि मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में हमारा साथ दें.

शिअद नेता प्रकाश सिंह बादल बोले…
मुक्तसर में शिअद नेता प्रकाश सिंह बादल ने कहा, ‘हमें पहले से यह पता था.’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बादल परिवार और मजीठिया के खिलाफ मामला दर्ज कराने और उनकी गिरफ्तारी के लिए राज्य पुलिस के तीन प्रमुखों को बदला. पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे बादल ने कहा, ‘आप जहां चाहते हैं, मुझे वहां ले चलिए, मैं तैयार हूं. इस प्रकार से प्रतिशोध लेने वाली हर सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है.’ उन्होंने कहा कि सरकार का काम लोगों की सेवा करना है, न कि ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ लेने के लिए काम करना. शिअद ने कुछ दिन पहले आशंका जताई थी कि मजीठिया को किसी ‘झूठे’ मामले में फंसाया जा सकता है.

कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘बादल परिवार और कैप्टन द्वारा संचालित भ्रष्ट प्रणाली के खिलाफ साढ़े पांच साल की लड़ाई तथा मजीठिया के खिलाफ ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) एवं STF (विशेष कार्यबल) की रिपोर्ट पर कदम न उठाकर चार साल की देरी तथा ताकत एवं प्रभाव के पदों पर विश्वसनीय अधिकारियों को बैठाने का दबाव बनाए जाने के बाद अंतत: अब पहला कदम उठाया गया है.’

सिद्धू ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा, ‘फरवरी 2018 की STF की रिपोर्ट के आधार पर नशीले पदार्थों के व्यापार के मुख्य आरोपी के खिलाफ पंजाब पुलिस की अपराध शाखा में प्राथमिकी दर्ज की गई. मैंने चार साल पहले इसकी मांग की थी.’ उन्होंने कहा कि यह ‘उन सब ताकतवर लोगों के मुंह पर एक तमाचा है’ जो अभी तक ‘सोते रहे.’ सिद्धू ने कहा कि ‘नशीले पदार्थों के माफिया’ के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी.

उन्होंने कहा, ‘जब तक नशीले पदार्थों के माफिया के मुख्य अपराधियों को कड़ा दंड नहीं दिया जाता, तब तक न्याय नहीं हो पाएगा. यह मात्र पहला कदम है. हम पीढ़ियों को नुकसान पहुंचाने वाले कदमों के लिए सजा दिए जाने तक लड़ाई जारी रखेंगे. हमें ईमानदार और सच्चे लोगों को चुनना चाहिए और नशीले पदार्थों के तस्करों एवं उनके संरक्षकों से किनारा करना चाहिए.’ नशीले पदार्थ रोधी विशेष कार्य बल (STF) के प्रमुख हरप्रीत सिंह सिद्धू ने मादक पदार्थों की तस्करी संबंधी गिरोह के मामले में 2018 में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट को एक रिपोर्ट सौंपी थी.

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