Rajya Sabha: राज्यसभा ने सोमवार को जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, के. सी. वेणुगोपाल, रामगोपाल यादव सहित 45 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया। यह कदम लोकसभा की कार्यवाही में रुकावट डालने के लिए 33 विपक्षी सांसदों को निलंबित करने के कुछ ही घंटों बाद उठाया गया।
राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने राज्यसभा के सभापति का अपमान किया है। विपक्षी सांसदों ने संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में संसद के दोनों सदनों में विरोध प्रदर्शन किया। राज्यसभा को कई बार स्थगित करना पड़ा क्योंकि विपक्षी सदस्य इस मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग करते हुए सदन की कार्यवाही में रुकावट डाल रहे थे।
राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ का कहना है कि “आज की कार्यवाही की शुरुआत से ही कुछ माननीय सदस्यों ने नारे लगाकर सदन को बाधित कर दिया। यहां तक कि वे वेल में भी आ गए। सदन को दो बार स्थगित करना पड़ा, जिससे सदन के एजेंडे पर चर्चा नहीं हो सकी। सदस्य इस बात की तारीफ कर सकते हैं कि सार्वजनिक महत्व के मामलों को उठाने और सरकार को जवाबदेह बनाए रखने के लिए शून्यकाल और प्रश्नकाल उनका है। मेरे बार-बार अनुरोध के बावजूद कुछ माननीय सदस्यों ने अध्यक्ष के निर्देशों की जानबूझकर अवहेलना और नियमों के उल्लंघन का अपना काम जारी रखा।”
इसके साथ ही पीयूष गोयल ने कहा कि “आपकी इजाजत से मैं ये प्रस्ताव पेश करता हूं कि इस सदन ने श्री प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, सैयद नासिर हुसैन, शक्तिसिंह गोहिल, के. सी. वेणुगोपाल, रणदीप सिंह सुरजेवाला, सुखेंदु शेखर रे, डॉ. शांतनु सेन, कनिमोझी, मनोज कुमार झा, वंदना चव्हाण, रामगोपाल यादव, जोस के. मणि के दुर्व्यवहार को गंभीरता से लिया है, जो लगातार नारे लगाते रहे और वेल के अंदर भी घुस गए। उन्होंने सदन के नियमों का घोर उल्लंघन करके, सभापति के अधिकार की घोर अवहेलना करके और सभापति की तरफ से नामित किए जाने पर सदन की कार्यवाही में बाधा डालना के लिए इन सदस्यों को पूरे सत्र के निलंबित कर दिया जाए।”