Rajasthan: प्रदेश के इस इलाके में ड्रग्स तस्करी बड़ा चुनावी मुद्दा

Rajasthan: राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले गंगानगर जिले का एक पुराना मुद्दा उभर आया है, यह मुद्दा युवाओं में नशे की लत और सीमा पार से नशीली दवाओं की तस्करी से जुड़ा है। सीमावर्ती जिले में कुछ सालों से अफीम और हेरोइन जैसे ड्रग्स की खपत और तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है, लोग सरकार से इस मुद्दे के स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि ” गवर्नमेंट को तो ये चाहिए कि नशा मुक्त बनाएं। नशा से,नशे के कारण तो घर-परिवार सब खराब हो रहे हैं।” सीमा पार से गंगानगर में लाए जा रहे ड्रग्स का शिकार बने कई लोग
ठीक होने की उम्मीद में शहर के नशा मुक्ति केंद्रों में आते हैं।

बता दे कि गंगानगर के सरकारी लाइसेंस रखने वाले पुनर्वास केंद्र में हर महीने लगभग 250 से 300 मरीज आते हैं। हालांकि इस केंद्र में सीमित बेड होने की वजह से सिर्फ 15 लोगों को ही एक साथ भर्ती किया जाता है।

डीएसपी गंगानगर विकास सिंह का कहना है कि ” जो उन दवाइयों को बेचते हुए पाए गए हैं मेडिकल स्टोर्स, उनके खिलाफ कार्रवाई की है, उनके लाइसेंस कैंसल किए हैं और कुछ के लाइसेंस सस्पेंड किए हैं। बाकी जो हेरोईन का क्रॉस बॉर्डर है, इसमें हम बीएसएफ के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसके अलावा हम लोग पंजाब से भी कोऑर्डिनेट कर काम कर रहे हैं। वहां से मेनली सप्लाई आ रही है, इसलिए उसको हम कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं।”

कुल मिलाकर गंगानगर में नशीली दवाओं का बढ़ता खतरा सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बन चुका है, जिस पर लोग 25 नवंबर को अपना वोट डालेंगे।

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