Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने माना कि जाति जनगणना पहले नहीं करा पाना उनकी “गलती” थी, न कि पार्टी की। उन्होंने कहा कि वो अब इसे सुधार रहे हैं।
गांधी ने आगे कहा कि उन्होंने अपने 21 साल के राजनीतिक जीवन में एक “गलती” की है, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) वर्ग के हितों की उतनी रक्षा नहीं की, जितनी करनी चाहिए थी।
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ओबीसी के ‘भागीदारी न्याय सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए, लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि तेलंगाना में जाति जनगणना एक “राजनीतिक भूकंप” है, जो देश में एक बड़ा “आफ्टरशॉक” पैदा करेगा।
गांधी ने कहा कि “मैं 2004 से राजनीति कर रहा हूँ और 21 साल हो गए और जब मैं पीछे देखता हूं और एक प्रकार से अपना आत्म-विश्लेषण करता हूँ, मैं … मैंने कहां-कहां सही काम किया और कहां कमी रही। तो दो-तीन बड़े मुद्दे दिखते हैं मुझे। भूमि अधिग्रहण विधेयक किया, मनरेगा किया, खाद्य विधेयक किया, आदिवासियों की लड़ाई लड़ी। अगर मैं अपने आपको, अपने आपके बारे में सोचूं तो मुझे लगता है कि ये काम मैंने सही किया।”
उन्होंने कहा कि 10-15 साल पहले वे ओबीसी वर्ग के मुद्दों को गहराई से नहीं समझ पाते थे।
हालाँकि उन्होंने ये भी कहा कि एक तरह से ये बेहतर ही है कि जाति जनगणना पहले नहीं की गई, क्योंकि तेलंगाना के उदाहरण के बाद अब जिस तरह से ये की जा रही है, उस तरह से नहीं की जा सकती थी।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि “मैं 2004 से राजनीति कर रहा हूँ और 21 साल हो गए और जब मैं पीछे देखता हूं और एक प्रकार से अपना आत्म-विश्लेषण करता हूँ, मैं … मैंने कहां-कहां सही काम किया और कहां कमी रही। तो दो-तीन बड़े मुद्दे दिखते हैं मुझे। भूमि अधिग्रहण विधेयक किया, मनरेगा किया, खाद्य विधेयक किया, आदिवासियों की लड़ाई लड़ी। अगर मैं अपने आपको, अपने आपके बारे में सोचूं तो मुझे लगता है कि ये काम मैंने सही किया।”