Chandigarh: किसी भी राज्य के साथ एक बूंद भी पानी साझा नहीं किया जाएगा- भगवंत मान

Chandigarh:पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि किसी भी दूसरे राज्य के साथ किसी भी कीमत पर एक बूंद भी अतिरिक्त पानी साझा नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने महाधिवक्ता (एजी) पद के लिए गुरमिंदर सिंह के नाम को मंजूरी दे दी है।

मान ने मंत्रिमंडल की आपात बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यह बात की। मान ने कहा कि मंत्रिमंडल बैठक में एजी पद के लिए गुरमिंदर सिंह के नाम को स्वीकृति दे दी गयी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि-‘‘बैठक में एसवाईएल मुद्दे पर भी चर्चा की गई…किसी भी दूसरे राज्य के साथ किसी भी कीमत पर एक बूंद भी अतिरिक्त पानी साझा नहीं किया जाएगा…जल्द ही राज्य विधानसभा के मानसून सत्र को बुलाए जाने पर भी चर्चा की गई…कई जन हितैषी फैसलों को भी मंजूरी दी गई।’’

पंजाब के सभी राजनैतिक दलों ने कहा कि राज्य के पास किसी दूसरे राज्य के साथ साझा करने के लिए एक बूंद भी अतिरिक्त पानी नहीं है। हरियाणा में हालांकि राजनैतिक संगठनों ने शीर्ष अदालत के निर्देशों का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य के लोग एसवाईएल का पानी पाने के लिए वर्षों से इंतजार कर रहे हैं।

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पंजाब मंत्रिमंडल की आपात बैठक में नए महाधिवक्ता की नियुक्ति पर चर्चा होने की भी संभावना है, एसवाईएल नहर की परिकल्पना रावी और ब्यास नदियों से पानी के प्रभावी आवंटन के लिए की गई थी। इस परियोजना में 214 किलोमीटर लंबी नहर की परिकल्पना की गई थी, जिसमें से 122 किलोमीटर पंजाब में और 92 किलोमीटर हरियाणा में बनाई जानी थी।

हरियाणा ने अपने क्षेत्र में इस परियोजना को पूरा कर लिया है, लेकिन पंजाब जिसने 1982 में निर्माण कार्य शुरू किया था, ने बाद में इसे रोक दिया। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार से नहर के निर्माण को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच बढ़ते विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थता प्रक्रिया को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाने को भी कहा है।

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