Yearender: ISRO के लिए शानदार रहा 2023, अगला साल और बेहतर होने की उम्मीद

Yearender: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, यानी इसरो के लिए 2023 शानदार रहा। इसरो के कामयाब अंतरिक्ष मिशन ने बार-बार देश को खुशियों की सौगात दी। इस कामयाबी में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान- थ्री की सफल लैंडिंग शामिल है। भारत ये उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश है। इसके अलावा सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य एल- वन मिशन की भी सफल लॉन्चिंग की गई।

इसरो 2023 में आठ बार रॉकेट लॉन्च करने में कामयाब रहा। ये इसरो की बढ़ती ताकत का सबूत है। 2023 की शुरुआत फरवरी में एसएसएलवी-डी2 लॉन्च करने के साथ हुई। इसने नैनो उपग्रहों को 500 किलोमीटर ऊपर कक्षा में पहुंचाया।

मार्च में इसरो ने एलवीएम-थ्री लॉन्च किया, जिसमें 36 उपग्रहों को 450 किलोमीटर ऊपर उनकी निर्धारित गोलाकार कक्षा में स्थापित किया गया। मई में चंद्रयान-थ्री के शानदार लॉन्च के बाद अंतरिक्ष में नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-01 को भेजने में कामयाबी मिली।

सितंबर में लैग्रेंजियन प्वाइंट वन के पास हेलो कक्षा में स्थापित में भेजने के लिए आदित्य एल वन सौर अन्वेषण मिशन लॉन्च किया गया। 2023 में इसरो की उपलब्धियां स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत की प्रतिबद्धता का सबूत हैं। ये भविष्य के लिए कई उम्मीदें पैदा करती हैं।

साल 2024 में इसरो की सूची में अंतरिक्ष में इंसानों के मिशन की उड़ान का परीक्षण, गगनयान वन, दूसरा मंगल मिशन – मंगलयान टू और शुक्र मिशन – सुकार्यान जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाएं हैं।

इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ का कहना है कि “हम भविष्य के चंद्रमा मिशन पर और अंतरिक्ष स्टेशन जैसी दूसरी परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। हम चंद्रमा पर इंसानों को भेज रहे हैं। इसलिए हमारे लिए कई नई चीजें हैं। हमें हाल में कई मिशन और अंतरिक्ष के क्षेत्रों में कामयाबी मिली है। प्रधान मंत्री ने हमें भविष्य में अंतरिक्ष स्टेशन बनाने का सुझाव दिया है। ये 2035 तक पूरा हो जाएगा। चंद्रमा पर भारतीयों को भेजने का हमारा लक्ष्य 2040 तक पूरा हो जाएगा।”

 

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