Women’s Day: भले ही हम 21वीं शताब्दी में जी रहे हो पर आज भी एक घर से लेकर दुनियाभर के अधिकतर लोगों के दिमाग में पुरुष सत्तात्मकता वाली सोच बसी हुई है. पूरी दुनिया में आज भी एक महिला को खुद को साबित करने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
बता दे कि भारत में आज भी बच्चियों को बाल-विवाह का शिकार बना दिया जाता है, तो कहीं एक पढ़ी-लिखी महिला को भी अपना महत्व जताने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है, कहते हैं कि इस दिन का इतिहास साल 1908 से जुड़ा हुआ है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक 20वीं सदी में अमेरिका और यूरोप में श्रमिकों के आंदोलन के बीच इंटरनेशनल वुमन्स डे का जन्म हुआ, इस दिन को पूरी मान्यता मिलने में कई सालों लग गए. इस आंदोलन में महिलाओं ने मांग रखी थी कि उनके काम करने के घंटों की एक लिमिट होनी चाहिए, इतना ही नहीं रूस में महिलाओं ने पहले वर्ल्ड वॉर का विरोध करते हुए महिला दिवस मनाया था, यह दिन बताता है कि किस तरह महिलाओं ने मर्द और औरतों के अधिकारों के बीच मौजूद भेद को के खिलाफ आवाज उठाई.