West Bengal: पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के सुंदराडी गांव में 66 साल की मिथिला महतो साल भर से ऐसे शौचालय में रह रही हैं, जिसका इस्तेमाल बंद हो चुका है। बारिश से उनकी कच्ची झोपड़ी गिर गई, हार कर उन्होंने शौचालय में शरण ली। ग्राम पंचायत प्रधान का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि बुजुर्ग महिला शौचालय में रहती हैं, उन्होंने कहा कि महिला ने कोई मदद नहीं मांगी थी।
पंचायत प्रमुख चंदामोनी कोरानुडी ने कहा कि ”हम हर वक्त पंचायत में नहीं रह सकते, इसलिए अगर उसने अपनी रिक्वेस्ट किसी को दी है तो हमें इसकी जानकारी नहीं है, राजनैतिक रूप से ये मामला अब तूल पकड़ रहा है। जिला प्रशासन का कहना है कि उन्हें केंद्र सरकार से पीएम आवास योजना का फंड नहीं मिला है।
जिला परिषद प्रमुख निवेदिता महतो ने बताया कि “मुझे कुछ दिन पहले ही इसके बारे में पता चला, मैंने तुरंत पंचायत से एक तिरपाल तम्बू की व्यवस्था की, मैंने उन्हें इसके बारे में बताया था और उन्होंने इसकी व्यवस्था की होगी। यहां कोई उपाय नहीं है कि हम घर बना सकें। हमारे लिए मुमकिन नहीं है कि हम किसी का घर बना दें, लेकिन हम ऐसा चाहते हैं, केंद्र सरकार ने यहां आवास योजना बंद कर दी है। इसमें हम कुछ नहीं कर सकते।”
बीजेपी जिला अध्यक्ष राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं, उन्होंने कहा कि ये घटना साफ करती है कि राज्य सरकार आम लोगों की जरूरतों को कैसे नजरंदाज करती है। इस बीच पुरुलिया जिला प्रशासन ने भरोसा दिया है कि वह मामले की जांच कर रहे हैं और जल्द इसका समाधान निकालेंगे।