Tahawwur Rana: तहव्वुर राणा ने 26/11 जैसे आतंकी हमले के लिए दिल्ली को भी टार्गेट किया था- सूत्र

Tahawwur Rana:  दिल्ली की अदालत में पेश किए गए साक्ष्यों के आधार पर ये पाया गया कि मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा ने 26/11 जैसे हमलों के लिए नई दिल्ली को भी टार्गेट किया था। एक सूत्र ने कहा कि विशेष एनआईए न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने 10 अप्रैल को पारित आदेश में कहा कि जांच एजेंसी की ओर से पेश किए गए साक्ष्य ये कहने के लिए पर्याप्त है कि मौजूदा मामले में आरोप राष्ट्र की सुरक्षा से संबंधित हैं।

सूत्र के अनुसार न्यायाधीश ने 12 पन्नों के आदेश में कहा है, “रिकॉर्ड पर पेश किए गए साक्ष्य बताते हैं कि विचाराधीन कैदी राणा की साजिश भारत की भौगोलिक सीमाओं से परे तक तक थी। उसने देश की राजधानी दिल्ली भारत के कई दूसरे शहरों में अलग-अलग जगहों के टार्गेट के रूप में पहचान की कोशिश की थी।”

न्यायाधीश ने कहा, इसलिए मामले की जड़ तक पहुंचने और गहरी साजिश से जुड़े तथ्यों को उजागर करने के लिए (राणा से) लगातार हिरासत में पूछताछ की जरूरत है। ऐसा माना जा रहा है कि न्यायाधीश ने राणा को 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेजते हुए कहा, “उसे गवाहों और जांच के दौरान जब्त किए गए फोरेंसिक और दस्तावेजी साक्ष्यों के साथ-साथ आरोपी और उसके साथियों की टोही यात्राओं से जुड़ी चीजों से भी सामना कराना होगा।”

न्यायाधीश ने कहा कि ये हिरासत में पूछताछ की जरूरत की ओर इशारा करता है, जिसके लिए समय की जरूरत है। जज ने ये भी कहा कि रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री है, जो ये बताता है कि ये राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामला है। उन्होंने कहा, “जांच एजेंसी को मामले की गहन जांच करने का उचित मौका मिलना चाहिए ताकि अदालत के सामने सही तरीके से तथ्यों को पेश किया जा सके।”

न्यायाधीश ने प्रत्यर्पण कार्यवाही में दिए शर्तों पर भी ध्यान दिया और एनआईए को हर 48 घंटे में राणा की चिकित्सा जांच करने का निर्देश दिया।

न्यायाधीश ने कहा, “इसके अलावा चूंकि आरोपी ने उल्लेख किया है कि उसे कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, जिसका विवरण उसने गिरफ्तारी के बाद चिकित्सा जांच के समय इतिहास के रूप में दिया है और प्रत्यर्पण कार्यवाही में जुड़े शर्त को देखते हुए ये आदेश दिया जाता है कि आरोपी की स्वास्थ्य स्थिति के संबंध में उसे नियमों के अनुसार उचित और उचित चिकित्सा देखभाल दी जाए।”

वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान ने एनआईए का प्रतिनिधित्व किया। सूत्र ने कहा कि जरूरी साक्ष्यों को एक साथ जोड़ने और 17 साल पहले की घटनाओं को फिर से जानने के लिए अधिकारी राणा को उन जगहों पर ले जा सकते हैं, जिससे उन्हें वारदात वाली जगहों को देखा जा सके।

64 साल के पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी राणा को चार अप्रैल को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसके प्रत्यर्पण के खिलाफ उसकी समीक्षा याचिका खारिज करने के बाद भारत लाया गया था। राणा 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली का करीबी सहयोगी है, जो एक अमेरिकी नागरिक है।

26 नवंबर, 2008 को, 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह ने मुंबई में उत्पात मचाया, अरब सागर के माध्यम से समुद्री मार्ग का उपयोग करके भारत की वित्तीय राजधानी में घुसने के बाद एक रेलवे स्टेशन, दो लक्जरी होटलों और एक यहूदी केंद्र पर समन्वित हमले किए। लगभग 60 घंटे तक चले हमले में 166 लोग मारे गए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *