Srinagar: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही समय बचा है, उससे पहले यहां के क्षेत्रीय दलों के नेता राजनैतिक पाला बदल रहे हैं, इनमें गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक प्रगतिशील आजाद पार्टी (डीपीएपी) से ताज मोहिउद्दीन, अपनी पार्टी के उपाध्यक्ष चौधरी जुल्फिकार अली और पूर्व एमएलसी जफर इकबाल मन्हास शामिल हैं।
सीनियर पॉलिटिकल लीडर ताज मोहिउद्दीन ने कहा कि “इस इलेक्शन में हमें दिखा है कि उनका (डीपीएपी) झुकाव बीजेपी की तरफ है और अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मैंने पहले भी कहा था कि जिस दिन मुझे लगेगा कि उनका झुकाव बीजेपी की तरफ है, मैं पार्टी छोड़ दूंगा, पार्टी जॉइन करते समय मैंने यही कहा था, गलतियां कहते हैं कि सुबह का भूला अगर शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते।”
इससे पहले पूर्व मंत्री उस्मान मजीद अपनी पार्टी छोड़कर महबूबा मुफ्ती की पीडीपी में शामिल हो गए थे, पूर्व पीडीपी मुख्य प्रवक्ता सुहैल बुखारी का कहना है कि “चंद एक दिनों से हम देख रहे हैं कि एक ऐसा सिलसिल शुरू हो गया है कि जो लोग इस मुश्किल तरीन वक्त में पार्टी के साथ रहे उनको दरकिनार किया जा रहा है। मुझे पर्सनली बहुत अनकर्मफटेबल फील हो रहा इस माहौल में रहने में तो इन सब चीजों को देखते हुए पार्टी प्रेसिंडेट महबूबा मुफ्ती साहिबा को अपना इस्तीफा भेज दिया है।”
चुनाव से पहले नेताओं का दल बदलना अपनी पार्टी, डीपीएपी और पीडीपी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, जम्मू कश्मीर में तीन चरणों- 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को वोटिंग होनी है। नतीजे चार अक्टूबर को आएंगे, 2019 में धारा 370 के खत्म होने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव है।