Sant Sansad: नेटवर्क 10 की तरफ से यूपी की औद्योगिक नगरी नोएडा में 23 दिसंबर को संत संसद का आयोजन किया जा रहा है। संसद में देश के कई प्रतिष्ठित संत शामिल हो रहे हैं। संत संसद सनातन से जुड़े कई पहलुओं पर अपना मंथन करेगी। खासकर प्रयागराज में महा कुंभ के साथ साथ सनानत से जुड़े सवालों पर संत संसद चिंतन मंथन करेगी। देखा जा रहा है कि सनातन पर पिछले कुछ समय से लगातार विपरीत टिप्पणियां हो रही है।
साथ ही सनातन के धार्मिक ग्रंथों को लेकर भी अपशब्द कहा जा रहा है। ऐसे में सनातन के हितों के लिए और उठते सवालों पर जवाब देने के लिए संत संसद आयोजित की गई है। संत संसद अपने ऐजेंडे के तहत सभी मसलों पर विचार विवर्श करेगा। संत संसद एक तरह से अपनी नीति भी तय करेगा। इसके अलावा सनातन बोर्ड के लिए आवाज उठ रही है। संतों की संसद ऐसे तमाम मुद्दों पर अपनी रणनीति करेगा। खासकर संत संसद का उद्देश्य यह भी है कि वह सनातन की रक्षा और उसकी गरिमा को बनाए रखने के लिए सरकार पर दवाब बना कर रखे। इसके लिए संत संसद नीति तैयार करेगा।
आज के समय में इस संत संसद का महत्व देखा जा रहा है। खासकर सनातन हिंदू धर्म को मानने वाले इस बात की अपेक्षा कर रहे हैं कि अब तमाम मसलों पर संत समाज को आगे आकर प्रखरता से अपनी बातें रखनी चाहिए। खासकर बांग्लादेश में जिस तरह अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है उसे देखते हुए संत संसद इस पर अपनी आवाज उठा सकती है। देश के नामी संतो का संत संसद में आऩे की यह घटना अपना ब़ड़ा महत्व रखती है।