RBI: अपने घर की बालकनी में खड़े शेख जाकिर हुसैन मुंबई के पास कल्याण में रहते हैं। उन्हें उम्मीद है कि वो जल्द ही 25 लाख रुपये का कर्ज चुका पाएंगे, जो उन्होंने सात साल पहले घर खरीदने के लिए लिया था। बढ़ती ब्याज दरों ने इसे मुश्किल बना दिया था, लेकिन पिछले तीन महीनों में आरबीआई द्वारा लगातार दो बार ब्याज दरों में कटौती ने उनकी उम्मीदों को फिर से जगा दिया है।
शेख ज़ाकिर हुसैन, लोन लेने वाले “मैंने हाउसिंग लोन लिया हूं। यहां हाउसिंग लोन पर एक रूम कल्याण में लिया हूं। केनरा बैंक से लिया हूं हाउसिंग लोन, जिसको मैंने 2018 से लिया हूं। उसका मेरा लोन है 25 साल के लिए 25 लाख रुपया और मेरा पहला ही ईएमआई जाता था 19 हजार कुछ रुपया, 927 रुपये। लेकिन वो धीरे-धीरे बढ़ गया 20000 रुपया। मेरे ऊपर और भी बोझ आ गया। लेकिन मैंने कैसे ही करके, मेरे पास सर्विस थी तो उसको कवर किया है।
अभी 21,000 से ऊपर हो गया है लोन का ईएमआई। लोन का ईएमआई बढ़ता जा रहा है, जिससे हमको हमारे खर्चे में तकलीफ हो रही है। अभी इतना हो गया है कि 21 हजार के ऊपर हो गया है। यानी बढ़ता ही जा रहा है और मैंने सुना है कि आरबीआई ने रेट ऑफ इंटरेस्ट थोड़ा कम किया है। तो मुझे थोड़ी खुशी हुई और मैं मान कर चल रहा ही कि जैसे मेरी थोड़ी इनकम कम हो गई है, तो मैं सोच रहा ही चलो थोड़ा इंटरेस्ट कम किया आरबीआई ने मेरा। बहुत खुशी की बात है। जिससे मेरा हाउसिंग लोन में थोड़ा फर्क पड़ जाएगा, जिससे मुझे घर का खर्चा चलने में थोड़ी आसानी होगी।”))
हुसैन के दिमाग में सबसे बड़ा सवाल ये है कि बैंक ब्याज दरों में कटौती का फायदा उनके जैसे उपभोक्ताओं को कितनी जल्दी देंगे। मुंबई में रेलवे कर्मचारी विकास पाटिल उम्मीद कर रहे हैं कि ये जल्दी हो जाए, ताकि वो हर महीने की किस्त की चिंता के अलावा भी कुछ देख सकें।
विकास पाटिल, लोन लेने वाले “मैंने 30 लाख के करीब का लोन लिया था। रिटायरमेंट तक का लिया था। जिसकी ईएमआई 17,555 रुपये है, तो अब इसमें अगर मेरा चार-पांच हजार अगर बचता है, तो सबसे पहले मैं इसे इन्वेस्ट करूंगा अपने बच्चों की एजुकेशन पर। क्योंकि अभी घर। घर के बाद जिम्मेदारी क्या आती है बच्चों की पढ़ाई। तो मैं उसमें इन्वेस्ट करूंगा। उसके बाद अगर मुझे अच्छा लगा कि बाकी के लोन भी कम हो रहे हैं तो मुझे एजुकेशन लोन भी अगर कम हो गया तो मैं अदर उसको सोचूंगा कि मेरे घर में कार हो। इस तरीके से मैं उसको डिवाइट करूंगा।”
भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को लगातार दूसरी बार ब्याज दरों में कटौती की और संकेत दिया कि जून में और कटौती की जा सकती है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती करके इसे छह प्रतिशत करने के लिए मतदान किया। समिति ने मई 2020 के बाद पहली बार, फरवरी 2025 में भी दरों में इतनी ही कटौती की थी।
महंगाई में कमी और तेल की कीमतों में गिरावट के साथ इस कदम से कर्ज लेने की लागत नवंबर 2022 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गई है। कम ब्याज दरों से व्यवसायों और उपभोक्ताओं दोनों को राहत मिलने की उम्मीद है, जिससे संभावित रूप से लोन की मांग, निवेश और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।