RBI: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि मुद्रास्फीति में नरमी और डोनाल्ड ट्रंप शुल्क से वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियों के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने की जरूरत के बीच आरबीआई फिर से नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कमी करेगा।
गवर्नर मल्होत्रा की अध्यक्षता में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मौद्रिक नीति की समीक्षा को लेकर तीन दिवसीय बैठक शुरू की। एमपीसी ने फरवरी में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था। ये मई, 2020 के बाद पहली कटौती और ढाई साल के बाद पहला संशोधन था।
आरबीआई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि ‘‘आरबीआई गवर्नर मल्होत्रा सुबह 10:00 बजे (नौ अप्रैल को) मौद्रिक नीति लेकर एमपीसी की बैठक में लिये गये निर्णय के बारे में जानकारी देंगे।’’ एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘हमें उम्मीद है कि आरबीआई अप्रैल में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करेगा…हमें यह भी उम्मीद है कि आरबीआई अधिशेष नकदी बनाये रखने के लिए भी कदम उठाएगा।’’
रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति के अनुमान को कम कर सकता है। वित्तीय सेवा कंपनी गोल्डमैन सैक्स ने भी रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद जताई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि महत्वपूर्ण आंकड़ों, मुद्रास्फीति में नरमी और ब्रेंट कच्चे तेल और डीएक्सवाई इंडेक्स (डॉलर सूचकांक) में तेज गिरावट के आधार पर पहली तिमाही में घरेलू गतिविधियों में नरमी ने आरबीआई के लिए राहत देने को लेकर अनुकूल माहौल बनाया है।