Operation Ajay: इजराइल से पहली फ्लाइट 212 भारतीयों को लेकर दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची

Operation Ajay: इजराइल में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए चलाए जा रहे अभियान ‘ऑपरेशन अजय’ के तहत आज इजराइल से पहली फ्लाइट भारत पहुंची है, इजराइल के बेन गुरियन हवाई अड्डे से 211 वयस्कों और एक बच्चे को लेकर उड़ान चली पहली फ्लाइट दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे पर पहुंची है।

मिशन के डेटाबेस में सभी भारतीयों को रजिस्टर्ड करने के लिए भारतीय दूतावास ने एक अभिया शुरू किया गया है, जिसमें यात्रियों को “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर चुना जा रहा है। इन लोगों की वापसी का खर्च सरकार उठा रही है। एयर इंडिया ने सात अक्टूबर को लड़ाई शुरू होने वाले दिन इजराइल की अपनी सभी उड़ानें निलंबित कर दी थी और इसका कॉमर्शियल संचालन अब भी बंद है।

‘ऑपरेशन अजय’ के तहत तेल अवीव से उड़ान भरने वाली विशेष फ्लाइट में चढ़ने के लिए हवाई अड्डे पर छात्र-छात्राओं सहित भारतीयों की लंबी कतार थी। इजराइल ने गाजा पर शासन करने वाले इस्लामिक आतंकवादी समूह हमास के खिलाफ मुंहतोड़ हमले की कसम खाई है। हमास के लड़ाके सात अक्टूबर को सीमा पार कर इजराइल के दक्षिण में हवा, जमीन और समुद्र के रास्ते से घुस गए हैं।

सकुशल भारत वापस लौटने वालों के बीच उत्सव का माहौल था। उन्होंने फ्लाइट में ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए। दूतावास ने पहले ही शुक्रवार के लिए दूसरी उड़ान की घोषणा कर दी है और “पहले आओ पहले पाओ के आधार पर” रजिस्ट्रेशन कराने के लिए ईमेल भेज दिया है। बता दें कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उन भारतीयों की घर वापसी की सुविधा के लिए ऑपरेशन अजय शुरू करने की घोषणा की थी, जो घर वापस आना चाहते हैं। बेन गुरियन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा इज़राइल का प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यह लोद शहर के उत्तरी बाहरी इलाके में स्थित है, गाजा पर इजरायल का जवाबी हमला लगातार जारी रहा। वहीं गाजा से होने वाले रॉकेट हमलों में काफी कमी आई है।

Operation Ajay: Operation Ajay:

इजराइल से वापस लौटा भारतीयों ने बताया कि “मेजरली जो सिचुएशन है वो गाजा के जो बॉर्डर हैं वहां बहुत खराब है और हम जो रहते हैं वो बसलेल में रहते हैं, जो थोड़ा दूर है। लेकिन ये है कि दिन में एक या दो बार सायरन बजता है, इसलिए मानसिक रूप से आप स्थिर नहीं रहते हैं क्योंकि हमेशा लगता है कि कुछ भी हो सकता है। वहां शेल्टर और हेल्पलाइन हैं। हम विश्वविद्यालय के अपार्टमेंट में रहते हैं जो सुरक्षित है, यदि आपको कुछ भी असामान्य दिखाई देता है क्योंकि वहां आक्रमणकारी घुस आए थे, हालांकि वो वहां तक नहीं पहुंचे। लेकिन चीजें भी लेबनान से शुरू हुईं इसलिए हमने सोचा कि वापस जाने का समय आ गया है।”

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