NEET-PG 2024: उच्चतम न्यायालय ने NEET-PG 2024 के अखिल भारतीय कोटा (AIQ) चरण-3 की नये सिरे से काउंसलिंग के अनुरोध वाली याचिका पर केंद्र, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (NMC) और अन्य से जवाब मांगा। जस्टिस बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने याचिका पर जवाब तलब करते हुए नोटिस जारी किया और सुनवाई सात फरवरी के लिए निर्धारित कर दी। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (NEET-PG) 2024 की काउंसलिंग के लिए पात्र याचिकाकर्ताओं ने कहा कि NEET-PG के लिए ‘AIQ’ काउंसलिंग का चरण-3 कुछ राज्यों में काउंसलिंग के चरण-2 के समापन से पहले शुरू हुआ था।
वकील तन्वी दुबे की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता AIQ और राज्य कोटा संबंधी काउंसलिंग कार्यक्रम में टकराव से व्यथित हैं। इसमें कहा गया है कि राज्य कोटे से कई अभ्यर्थियों को AIQ चरण-3 में पंजीकरण करने और सीट प्राप्त करने का मौका मिल गया, जो अन्यथा AIQ चरण-3 के लिए पंजीकरण करने के वास्ते अयोग्य थे। याचिका में कहा गया है कि जब राज्य संबंधी चरण-2 की काउंसलिंग शुरू हुई, तो उनके पास सबसे अच्छे विकल्प के बीच चयन करने और राज्य संबंधी काउंसलिंग में बेहतर सीट मिलने पर AIQ सीट छोड़ने का विकल्प था।
इसमें कहा गया है, ‘‘इससे याचिकाकर्ताओं और उनकी तरह के अन्य अभ्यर्थियों के लिए गंभीर पूर्वाग्रह पैदा हुआ, क्योंकि वे उन सीट से वंचित रह गए, जो राज्य संबंधी अभ्यर्थियों को मिल गईं, जिनके चरण-2 की काउंसलिंग पहले शुरू नहीं हुई थी।’’ याचिका में कहा गया है, ‘‘यदि सभी राज्यों में राज्य संबंधी चरण-2 काउंसलिंग समाप्त होने के बाद AIQ चरण-2 आयोजित किया गया होता, तो अभ्यर्थियों के एक समूह को AIQ चरण-3 में सीट प्राप्त करने और बाद में राज्य संबंधी चरण-2 में भाग लेने के दौरान इसे छोड़ने का अनुचित लाभ नहीं मिलता।’’
याचिका में दावा किया गया है कि ‘मेडिकल काउंसलिंग कमेटी’ ने राज्य संबंधी काउंसलिंग चरण-2 के समापन से पहले AIQ चरण-3 काउंसलिंग आयोजित की, जिसके कारण मध्यप्रदेश के अभ्यर्थियों को सीट मिल गईं, जहां राज्य संबंधी काउंसलिंग का चरण-2 तब तक समाप्त नहीं हुआ था। इसमें कहा गया है कि इससे ऐसी स्थिति पैदा हो गई, जिसमें कई मेधावी अभ्यर्थी सीट पाने से वंचित रह गए।