Jammu: एयरफोर्स स्टेशन पर वायु सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन की क्षमता और तकनीक का किया प्रदर्शन

Jammu: जम्मू में एयरफोर्स स्टेशन पर एक प्रदर्शन आयोजित किया गया, जिसमें संकट के समय बचाव और सहायता प्रदान करने में भारतीय वायु सेना की क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया। जुलाई और अगस्त के महीनों में राज्य में आई बाढ़ के दौरान हिमाचल प्रदेश में भारतीय वायु सेना ने राहत अभियान चलाया था।

प्रदर्शन की शुरुआत भारतीय वायुसेना कर्मियों की ब्रीफिंग से हुई, जिन्होंने आपदा राहत कार्यों के महत्व और ऐसी परिस्थितियों में हेलीकॉप्टरों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया गया। उन्होंने दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचने में हेलीकॉप्टरों की गति, उसकी क्षमता और तमाम प्रतिभाओं पर जोर दिया, जो अक्सर जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इस कार्यक्रम ने अपनी आपदा राहत क्षमताओं में सुधार करने के लिए वायु सेना के निरंतर प्रयासों पर प्रकाश डाला, जिससे ये सुनिश्चित हुआ कि वो किसी भी रेस्क्यू मिशन में सबसे आगे रहें, ये लोगों की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है।

कमांडिंग ऑफिसर ने बताया कि “हमने हिमाचल प्रदेश में दो अलग-अलग जिलों में आपदा राहत अभियान चलाया, एक था कांगड़ा और एक था मंडी। कांगड़ा में पूरी तरह से बाढ़ आ गई थी, जिसमें लोग छोटे-छोटे टापूओं पर घरों और छतों में फंस गए थे। उन्हें वहां से निकाला गया। एयरफोर्स ने तीन दिन में 1400 लोगों को वहां से निकाला था। ये सभी लोग डूबने या भूख से मरने की कगार पर थे।”

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उन्होंने कहा कि “कभी-कभी, जब हम रेस्क्यू ऑपरेशन करते हैं तो ये टफ लैंड नहीं कर सकता है, नीचे पानी हो सकता है, जंगल हो सकता है, लोग छत के ऊपर हो सकते हैं, आसपास तार हो सकते हैं और नीचे भी नहीं जा सकता है। तब हो लोग एक कमांडो को विंच डाउन (चरखी से नीचे उतारना) करते हैं और उसके बाद नीचे जाकर इस हार्नेस के साथ वो अपने आपको सिक्योर करता है विंच के अंदर और हम पर्सन को विंच अप कर सकते हैं। इतना ही नहीं, अगर कोई पर्सन छोटा है, जैसे कांगडा के अंदर हमने तीन दिन की बच्ची से लेकर 90 साल की औरत तक सबको रेस्क्यू किया था, तब हम इस तरह का क्रडल (पालना) यूज करते हैं, जिसके अंदर उन्हें बैठाकर, उनको जहाज के अंदर खींच सकते हैं।”

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