USA: पेंटागन के प्रेस सचिव पैट राइडर ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ अपने रक्षा संबंधों की सराहना करता है और उसके साथ साझेदारी को बढ़ावा देना जारी रखेगा. उन्होंने कहा कि “हम भारत के साथ अपने रक्षा संबंधों की काफी सराहना करते हैं। हम भारत के साथ मजबूत रक्षा साझेदारी को बढ़ावा देना जारी रखेंगे। आप हमें आगे भी ऐसा करते हुए देखेंगे।”
भारत और अमेरिका के बीच 1997 में रक्षा व्यापार लगभग कुछ भी नहीं था। आज ये 20 अरब अमेरिकी डॉलर से ज्यादा है, राइडर ने कहा कि चीन रक्षा विभाग के लिए ”चुनौती” बना हुआ है।
उन्होंने कहा, “हम इस बात पर बहुत स्पष्ट हैं। चीन रक्षा विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। जब देशों की संप्रभुता को संरक्षित करने की बात आती है तो हम भारत और हिंद-प्रशांत के दूसरे देशों के साथ हमारी साझेदारी की सराहना करते हैं। अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करना होगा, जिसने कई साल तक शांति और स्थिरता बनाए रखा है।”
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पेंटागन प्रेस सचिव पैट राइडर ने बयान देते हुए कहा कि “हम भारत के साथ अपने रक्षा संबंधों की काफी सराहना करते हैं। हम भारत के साथ मजबूत रक्षा साझेदारी को बढ़ावा देना जारी रखेंगे। आप हमें आगे भी ऐसा करते हुए देखेंगे। हम इस बात पर बहुत स्पष्ट हैं। चीन रक्षा विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। जब देशों की संप्रभुता को संरक्षित करने की बात आती है तो हम भारत और हिंद-प्रशांत के दूसरे देशों के साथ हमारी साझेदारी की सराहना करते हैं। अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करना होगा, जिसने कई साल तक शांति और स्थिरता बनाए रखा है।”
अमेरिका, भारत और कई देश चीन की बढ़ती सैन्य चालबाजी को देखते हुए स्वतंत्र, खुले हुए और संपन्न इंडो-पैसिफिक सुनिश्चित करने के बारे में बात कर रहे हैं, चीन विवादित दक्षिण चीन सागर के लगभग पूरे हिस्से पर दावा करता है। हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम इसके कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं। बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैनिक प्रतिष्ठान बनाए हैं।
बता दें कि राइडर की टिप्पणी विदेश मंत्री एस जयशंकर के अमेरिकी राजधानी के दौरे के कुछ दिनों बाद आई है। इस दौरान उन्होंने रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन सहित टॉप अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत की थी।