Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सेना ने एलओसी पर निगरानी के लिए एफपीवी ड्रोन – फर्स्ट पर्सन व्यू लॉन्च किया है, एफपीवी नए जमाने का ड्रोन है।इससे सेना को बॉर्डर पर नजर रखने और सर्च ऑपरेशन में मदद मिलेगी। जवान रिमोट के जरिए ड्रोन को चला सकते हैं। ड्रोन उड़ाने के लिए इसे चलाने वाले को डिजिटल ग्लास पहनने पड़ेंगे, इस चश्मे में ऑपरेटर ड्रोन तस्वीरों को देख सकेगा।
एफपीवी ड्रोन के पंख इस तरह से जुड़े हुए हैं, जो इसे किसी भी चीज के संपर्क में आने या फंसने नहीं देंगे। इसे आसानी से खाइयों, घाटियों, मैदानों, जंगलों, झाड़ियों और यहां तक कि नालों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है, ये ड्रोन जमीन से 500 मीटर की ऊंचाई पर रहकर पांच किलोमीटर तक उड़ सकता है।
भारतीय सेना इन एफपीवी ड्रोन का इस्तेमाल एलओसी पर दुश्मनों की हरकतों पर नजर रखने के लिए कर रही है।ड्रोन में नाइट व्यू टेक्नोलॉजी भी है, जिससे इसे रात में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।सुरक्षा एजेंसियों का अनुमान है कि जम्मू इलाके की पहाड़ियों में लगभग 60 से 70 आतंकवादी छिपे हैं।
जम्मू के उधमपुर, कठुआ, सांबा, डोडा, पुंछ और राजौरी जिलों में सेना के जवानों, तीर्थयात्रियों और पुलिस पर सिलसिलेवार आतंकी हमलों के बाद, प्रशासन ने इन घटनाओं से निपटने के लए दोहरी रणनीति अपनाई है। भीतरी इलाकों और सीमा पर 1000 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे।
भारतीय सेना के जवानों का कहना है कि “इस ड्रोन का नाम एफपीवी – फर्स्ट पर्सन व्यू है। इस ड्रोन के नाम से इसका खूबी के बारे में पता चलता है, फर्स्ट पर्सन व्यू इससे इस जोन के पंखों के चारों ओर से सिक्योरटी होनी की वजह से उस जोन को हम चाहे छोटी-छोटी जंगलो के अंदर ले जा सकते है और नालों से छोटे-छोटे नालों से उनके बीचों बीच और दुश्मन के बंकरों के अंदर भी अच्छी तरह से लेके जा सकते है। अच्छी तरह दुश्मन के इलाके को सर्च कर सकते है। इसलिए ये ड्रोन अभी नया आने की वजह से बहुत ही फायदेमंद है।”