हिमाचल की बेटी ने एक महीने में 4 पर्वत चोटियों की फतह

जब हौसले और इरादे हो मजबूत, तो हर मुश्किल भी शर्मिंदा हो जाती है, जब जुनून हो जहन में तो उन्हें मंजिल मिल ही जाती है। जी हां..ऐसे ही मजबूत हौसले और जुनून लेकर पर्वतारोही बलजीत कौर ने भी एक माह से कम समय में दुनिया की 4 सबसे बड़ी चोटियों को फतह करने का भारतीय रिकॉर्ड अपने नाम किया है।

बता दें कि बलजीत कौर ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर 22 मई को फतह हासिल की। इसके बाद भी उनका हौसला कम नहीं हुआ। अगले ही दिन उन्होंने दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट लाहोत्से की चढ़ाई शुरू कर दी और इस पर विजय पताका फहरा दी। इसके साथ ही बलजीत एक माह से कम समय में 8,000 मीटर ऊंची चार चोटियों पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं।

बता दें कि 27 वर्षीय बलजीत कौर हिमाचल के सोलन जिला के कुनिहार की रहने वाली हैं। वे अब तक हिमालय की कई चोटियां फतह कर चुकी हैं। बलजीत ने पिछले 25 दिनों में 48000 मीटर की चढ़ाई की है। इस दौरान बलजीत ने माउंट धौलागिरी 8,167 मीटर, कंचनजंघा 8,586 मीटर, अन्नपूर्णा 8,091, माउंट एवरेस्ट 8,848 मीटर, माउंट लाहोत्से 8,516 मीटर को अपने कदमों से नापा है

बलजीत कौर का माउंट एवरेस्ट मिशन

बलजीत को बचपन से ही पर्वतारोही बनने का शौक था। बलजीत ने साल 2016 में पहली बार माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराने का प्रयास किया था, लेकिन ऑक्सीजन मास्क खराब होने की वजह से बलजीत को वापस लौटना पड़ा था। उस दौरान माउंट एवरेस्ट को पूरा करने में मात्र 300 मीटर की दूरी बची रह गई थी, लेकिन बलजीत कौर ने फिर भी अपना हौंसला नहीं छोड़ा और कड़ी मेहनत के बाद आज यह मुकाम हासिल किया है।

बेटी के सपने पूरे करने के लिए मां ने बेच दिए गहने

बलजीत कौर की इस जीत के बाद उनके परिजनों में खुशी का माहौल है। जब इसकी खबर बलजीत की मां शांति देवी को हुई तो वो भावुक हो गईं। उन्होंने बताया कि बलजीत ने 6 साल की कड़ी मेहनत के बाद यह मुकाम हासिल किया है। “वो कभी-कभी अपने अभियानों के दौरान ख़राब मौसम या बर्फीले तूफान को लेकर बात करती थी, लेकिन मैं हमेशा उसे भगवान पर विश्वास करने के लिए कहती थी.”

शांति देवी बताती हैं कि एनसीसी ने उसे बहुत सपोर्ट किया। “हमें भी उसके सपनों को साकार करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। क्योंकि मेरे पति रिटायर्ड हो चुके थे जो कि हिमाचल सड़क परिवहन निगम में एक बस चालक के रूप में काम करते थे। साल 2019 में जब बलजीत ने माउंट त्रिशूल को फ़तेह करने की योजना बनाई, तो मुझे अपने गहने बेचने पड़े थे। उसके सपने को पूरा करने के लिए क्राउड फंडिग अभियान चलाया था।”

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