G7 summit: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी7 के सालाना शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इटली रवाना होंगे, विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि जी7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी से पिछले साल भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के परिणामों पर चर्चा करने का मौका मिलेगा।
इटली के अपुलिया इलाके के बोर्गो एग्नाजिया के आलीशान रिसॉर्ट में 13 से 15 जून तक आयोजित होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन में चल रहे युद्ध और गाजा में संघर्ष का मुद्दा छाया रहने की संभावना है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, उनके फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रों, जापानी प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले आला नेताओं में शामिल हैं।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी उनके देश पर रूसी आक्रमण पर एक सत्र में हिस्सा लेने वाले हैं, यूक्रेन संघर्ष के बारे में पूछे जाने पर क्वात्रा ने कहा कि हमने हमेशा ये माना है कि वार्ता और कूटनीति ही इसका समाधान करने का सर्वोत्तम विकल्प है।
विदेश सचिव ने कहा कि जी7 शिखर सम्मेलन में भारत की नियमित भागीदारी ग्लोबल चुनौतियों से निपटने के लिए नई दिल्ली की कोशिशों की बढ़ती मान्यता को दिखाता है, उन्होंने कहा कि भारत स्विट्जरलैंड में होने वाले शांति शिखर सम्मेलन में उचित स्तर पर भाग लेगा, क्वात्रा ने यह नहीं बताया कि शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व कौन करेगा।
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि “इटली के प्रधानमंत्री के न्योते पर प्रधानमंत्री मोदी 50 वें जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कल इटली के अपुलिया रवाना होंगे, जो 14 जून को वहां आयोजित किया जाएगा। भारत को एक आउटरीच देश के रूप में आमंत्रित किया गया है, लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के बाद मोदी की ये पहली विदेश यात्रा है, जिससे उन्हें भारत और ग्लोबल साउथ के अहम मुद्दों पर जी7 शिखर सम्मेलन में मौजूद दूसरे विश्व नेताओं के साथ जुड़ने का मौका मिलेगा।