Davos: केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि भारत अपने प्रामाणिक भोजन और मसालों को मान्यता दिलाने के लिए विश्व आर्थिक मंच पर प्रयास कर रहा है जिसका वह हकदार है।
दावोस में डब्ल्यूईएफ से इतर पीटीआई वीडियो से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, ”पूरी दुनिया सदियों से भारतीय मसालों के बारे में बात करती रही है। अगर आप उत्तर से दक्षिण या पूर्व से पश्चिम की ओर जाएंगे तो आपको अलग-अलग स्वाद की अलग-अलग किस्में मिलेंगी।”
55वीं विश्व आर्थिक मंच वार्षिक बैठक 20-24 जनवरी तक स्विट्जरलैंड के दावोस-क्लोस्टर्स में चल रही है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि “ग्लोबली जिस तरह से इंडियन फ्लेवर की पहचान है, ये तो किसी से छुपा नहीं है। सदियों से भारत के मसालों की लोग चर्चा करते हैं। अगर आप उत्तर से दक्षिण या पूर्व से पश्चिम की ओर जाएंगे तो आपको अलग-अलग व्यंजन, अलग-अलग स्वाद मिलेंगी।
इसके साथ ही कहा कि जिसकी आज की तारीख में पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बन रही है। ऐसे में प्रोसेस्ड फूड की डिमांड ग्लोबली काफी बढ़ती जा रही है। पिछले एक दशक में देखे तो जहां प्रोसेस्ड फूड का एक्सपोर्ट मात्र 13 प्रतिशत के आसपास 2013-14 में था 13.7 प्रतिशत। तो वहीं 2023-24 में अगर आप देखे तो 23.4 प्रतिशत के आसपास है, ये वृद्धि हुई है।
ये अपने में दर्शाता है कि इस मार्केट की, इस सेक्टर की संभावनाएं काफी है और मैं उसी दिशा में प्रयास कर रहा हूं अपने मंत्रालय को लेकर कि कैसे ग्लोबली भारत के ब्रांड को एक नई पहचान अंतरराष्ट्रीय मार्केट में दिलाई जा सके। फूड प्रोसेसिंग के सेक्टर को और मजबूती देते हुए भारत के किसानों को, भारत के उत्पादनों को और हम लोग मदद पहुंचा पाए।”