नमिता बिष्ट
आज कांग्रेस अपना 138वां स्थापना दिवस मना रही है। दरअसल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को बॉम्बे (मुंबई) के दास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में 72 प्रतिनिधियों की उपस्थिति में हुई थी। इसके संस्थापक महासचिव एओ ह्यूम थे और व्योमेश चंद्र बनर्जी को अध्यक्ष बनाया गया था। इसलिए हर साल 28 दिसंबर को पार्टी अपना स्थापना दिवस मनाती है।
व्योमेश चंद्र बनर्जी बने पहले अध्यक्ष
बता दें कि एलेन ओक्टेवियन ह्यूम 1857 के गदर के वक्त इटावा के कलेक्टर थे। ह्यूम ने खुद ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आवाज उठाई और 1882 में पद से अवकाश लेकर कांग्रेस यूनियन का गठन किया। उन्हीं की अगुवाई में बॉम्बे में पार्टी की पहली बैठक हुई थी। व्योमेश चंद्र बनर्जी इसके पहले अध्यक्ष बने।
बंगाल विभाजन के बाद कांग्रेस का कड़ा रुख
शुरुआती सालों में कांग्रेस पार्टी ने ब्रिटिश सरकार के साथ मिलकर भारत की समस्याओं को दूर करने की कोशिश की और इसने प्रांतीय विधायिकाओं में हिस्सा भी लिया, लेकिन 1905 में बंगाल के विभाजन के बाद पार्टी का रुख कड़ा हुआ और अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आंदोलन शुरू हुए।
देश के पहले चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आई
1947 में आजादी के बाद कांग्रेस भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बन गई। 1952 में देश के पहले चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आई। 1977 तक देश पर केवल कांग्रेस का शासन था।
1967 में हुआ कांग्रेस का सबसे बड़ा विभाजन
आजादी के बाद कांग्रेस कई बार विभाजित हुई। करीब 50 नई पार्टियां इस संगठन से निकल कर बनीं। इनमें से कई निष्क्रिय हो गए तो कईयों का INC और जनता पार्टी में विलय हो गया। कांग्रेस का सबसे बड़ा विभाजन 1967 में हुआ जब इंदिरा गांधी ने अपनी अलग पार्टी बनाई जिसका नाम INC (R) रखा। लेकिन 1971 के चुनाव के बाद चुनाव आयोग ने इसका नाम INC कर दिया।
इस तरह कांग्रेस में होता है संगठन का काम
- ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी (AICC)—- राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी का काम देखना एआईसीसी की जिम्मेदारी होती है। राष्ट्रीय अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के अलावा पार्टी के महासचिव, खजांची, पार्टी की अनुशासन समिती के सदस्य और राज्यों के प्रभारी इसके सदस्य होते हैं।
- प्रदेश कांग्रेस कमिटी (PCC)—- हर राज्य में कांग्रेस की ईकाई है जिसका काम स्थानीय और राज्य स्तर पर पार्टी के कामकाज को देखना होता है।
- कांग्रेस संसदीय दल (CPP)—- राज्यसभा और लोकसभा में पार्टी के सांसद संसदीय दल का हिस्सा होते हैं।
- कांग्रेस विधायक दल (CLP)—- राज्य स्तरीय इस ईकाई में राज्य की विधानसभा में पार्टी विधायक सीएलपी के सदस्य होते हैं। अगर किसी राज्य में कांग्रेस की सरकार है तो वहां का मुख्यमंत्री ही विधायक दल का नेता होता है।
- इसके अलावा युवाओं, छात्रों, महिलाओं, व्यापारियों के लिए पार्टी की अलग अलग विंग है- छात्रों के लिए नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI), युवाओं के लिए इंडियन यूथ कांग्रेस (IYC) है।