Budget: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय बजट 2025-26 का मकसद विकास को गति देना, समावेशी विकास सुनिश्चित करना और निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देना है। राज्यसभा में आम बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए मंत्री ने यह भी कहा कि बजट चुनौतीपूर्ण समय में तैयार किया गया है, जिसमें अनुमानों या पूर्वानुमानों से परे गंभीर बाहरी चुनौतियां हैं।
सीतारमण ने कहा कि इसके बावजूद, सरकार ने देशहित को सर्वोपरि रखते हुए आकलन को यथासंभव सटीक रखने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, “ऐसे कोई मॉडल नहीं हैं जिन्हें आप बना सकें और समझ सकें कि रुझान कैसे होंगे, क्योंकि वे बहुत तेजी से बदलते हैं…इसके बावजूद, हमने भारत के हितों को सबसे ऊपर रखते हुए आकलन को यथासंभव करीब रखने की कोशिश की है…ये बहुत बड़ी अनिश्चितता अब भी बनी हुई है और कई भारतीय आयात जो हमारी अर्थव्यवस्था के विकास के लिए बहुत अहम हैं, वे भी अनिश्चितता में रहने वाले हैं।”
मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि बजट में क्षेत्रीय आवंटन में कमी नहीं की गई है और अगले वित्त वर्ष के दौरान प्रभावी पूंजीगत व्यय 19.08 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
सीतारमण ने सदन को बताया कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के पहले अग्रिम अनुमानों में भारत की अर्थव्यवस्था वास्तविक रूप से 6.4 प्रतिशत और नाममात्र रूप से 9.7 प्रतिशत बढ़ेगी। इसलिए बजट में “हमने अपने लक्ष्य” ऐसे रखे हैं कि हम विकास को गति दे सकें, समावेशी विकास सुनिश्चित कर सकें, निजी केत्र के निवेश को बढ़ावा दे सकें।
मंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि सरकार ने कोविड संकट के दौरान अर्थव्यवस्था को बहुत अच्छी तरह से आगे बढ़ाया और देश दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा, उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद भारत को “नाजुक पांच” अर्थव्यवस्थाओं में से एक माना गया था।