Amarnath Yatra: इस साल अमरनाथ यात्रा 29 जून को शुरू हुई तो सैकड़ों पोनी वालों के चेहरे खिल उठे, वह सोनमर्ग में बालटाल और पहलगाम में चंदनवारी से तीर्थयात्रियों को पवित्र गुफा मंदिर तक पहुंचाते हैं और अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं।
हर साल यात्रा शुरू होने के पहले सैकड़ों पोनी वाले असिस्टेंट लेबर कमिश्नर के दफ्तर में रजिस्ट्रेशन कराते हैं और अपनी तैयारी शुरू कर देते हैं, वह तीर्थयात्रियों को पोनी, पालकी या पिट्ठू पर बिठा कर पवित्र गुफा तक ले जाते हैं। एक बार यात्रा में करीब डेढ़ दिन लगते हैं।
अमूमन पोनी वाले गरीब होते हैं, कुछेक के पास थोड़ी-बहुत जमीन होती है, फिर भी उनकी साल भर की रोजी-रोटी डेढ़ महीने की तीर्थयात्रा के बदौलत चलती है। डेढ़ महीने में उन्हें साल भर गुजारा करने के लिए आमदनी हो जाती है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल 29 जून को यात्रा शुरू होने के बाद पहले छह दिन में ही एक लाख तीस हजार से ज्यादा तीर्थयात्री अमरनाथ गुफा गए, 52 दिन चलने वाली अमरनाथ यात्रा 19 अगस्त को खत्म होगी।