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नई दिल्ली. बेरोजगारी की स्थति का सामना कर रहे देश में कोरोना महामारी ने आग में घी का काम किया है. नौकरियों के संकट की एक तस्वीर इन दिनों मध्य प्रदेश में देखने को मिल रही है. मध्य प्रदेश के ग्वालिर जिला अदालत में चपरासी, माली, ड्राइवर और स्वीपर के 15 पदों के लिए 11 हजार लोगों ने आवेदन किया है. चतुर्थ श्रेणी की इन नौकरियों के लिए ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट उम्मीदवार कतार लगाकर इंटरव्यू देने पहुंच रहे हैं.
ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन जैसी उच्च शिक्षा हासिल करके युवाओं ने अच्छी सैलरी वाली नौकरी का सपना देखा था. लेकिन सालों से सरकारी नौकरियों में भर्ती होने का इंतजार करते-करते जब सब्र जवाब दे गया तो युवा प्रदेश की अलग-अलग जिला अदालतों में चल रही चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती के लिए इंटरव्यू देने पहुंच रहे हैं.
चपरासी, माली पद के लिए मांगी गई है 8वीं पास योग्यता
चपरासी, माली और स्वीपर पदों के लिए शैक्षिक योग्यता आठवीं पास व ड्राइवर के लिए 10वीं पास मांगी गई है. लेकिन इन पदों के लिए ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट इंटरव्यू देने पहुंच रहे हैं. इसमें कई उम्मीदवारों ने तो अंग्रेजी से एमए, एमएड तक करके बैठे हैं. यही नहीं, जिला अदालतों पर इंटरव्यू के लिए लगी कतार में , एलएलबी, सिविल जज की तैयारी करने वाले, बीटेक, एमबीए ओर पीएचडी तक किए हुए उम्मीदवार मिल जाएंगे.
मध्य प्रदेश में हैं 24 लाख से अधिक बेरोजगार
मध्य प्रदेश सरकार ने इसी साल विधानसभा में बताया था कि साल 2020 के अंत तक प्रदेश में 24 लाख 72 हजार बेरोजगार रजिस्टर्ड हैं. जबकि साल 2018 में 7 लाख 47 हजार बेरोजगारों ने रोजगार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कराया था. 2019 में यह आंकड़ा बढ़कर 8 लाख 46 हजार तक पहुंच गया था.
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