Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के अधिकारियों ने 10 निजी स्कूलों को सात एकेडमिक सेशन में 81,000 से ज्यादा स्टूडेंट से ट्यूशन फीस के तौर से वसूले गए लगभग 65 करोड़ रुपये वापस करने का निर्देश दिया है।
जबलपुर जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) घनश्याम सोनी ने बताया कि स्कूलों ने कानून को नहीं माना और ट्यूशन फीस में बढ़ोतरी की, उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश निजी स्कूल नियम, 2017 के तहत गठित जिला लेवल की समिति ने इन स्कूलों के खातों की जांच की।
जांच में समिति ने पाया कि वह छात्रों से ज्यादा फीस वसूल रहे हैं, अधिकारियों ने बताया कि 27 मई को जबलपुर जिला प्रशासन ने स्कूल के अधिकारियों और कुछ किताब दुकान मालिकों के खिलाफ फीस और किताबों के दामों में कथित रूप से अवैध बढ़ोतरी के लिए 11 एफआईआर दर्ज कराई थीं।
नियमों के अनुसार अगर कोई स्कूल 10 फीसदी से ज्यादा फीस बढ़ाना चाहता है, तो उसे जिला प्रशासन की मंजूरी लेनी होती है। एक अधिकारी ने बताया कि अगर प्रस्तावित बढ़ोतरी 15 फीसदी से ज्यादा है, तो स्कूल को राज्य सरकार की गठित समिति से मंजूरी लेनी होगी।
कलेक्टर ने बताया कि इनमें से कुछ स्कूलों ने अधिकारियों की मंजूरी लिए बिना 10 फीसदी से ज्यादा फीस बढ़ा दी, जबकि दूसरे ने 15 फीसदी से ज्यादा फीस बढ़ा दी। अभिभावकों का कहना है कि “हमारी मांग यही है कि हमारे बच्चों की फीस कम की जाए, जो कलेक्टर द्वारा निर्धारित की गई है, फीस के मामले में हमको राहत मिले और जो भी बढ़ाई गई फीस है, वो कम हो शीघ्र अति शीघ्र क्योंकि ये आदेश आ चुका है और अब स्कूल को मानना होगा।”
उन्होंने कहा कि “हमारे बच्चों की फीस को लेकर के यहां पे हम लोगों ने प्रदर्शन किया और कलेक्टर साहब ने तीन महीने पहले ही आदेश निकाला था कि सारे स्कूल की फीस कम किए जाएं पर स्कूल के उधर से कोई रिस्पॉन्स नहीं था उन्होंने इस मामले में कुछ भी नहीं सुनवाई की।”