Gwalior: ग्वालियर में देश की पहली ऐसी गौशाला है, जहां अब डेस्टिनेशन वेडिंग होंगी। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ परम्परागत रूप से विवाह करवाया जाएगा। इसके लिए 20 लाख रुपए की लागत से सांस्कृतिक मंडप तैयार किया जा रहा है, पहला विवाह 22 जनवरी को होगा। गौशाला में विवाह करने वाले परिवार को मेहमानों को भोजन देने से पहले गायों का हरे चारा से भोज करवाना होगा।
यहां विवाह समारोह में अधिकतम 500 लोग शामिल हो सकेंगे, कार्यक्रम का पूरा खर्च दो से तीन लाख रुपए तक आएगा। अभी तक इस गोशाला को देशभर से 10 शादियों की बुकिंग मिल चुकी है। ग्वालियर की आदर्श गौशाला भी विवाह डेस्टिनेशन बन गया है। जहां लोग महंगे शहरों, होटल और विदेश को मैरिज डेस्टिनेशन के तौर पर चुनते हैं.
वहीं शांति, सादगी और संस्कृति पंसद लोगों के लिए MP की सबसे बड़ी ग्वालियर गौशाला बेहतरीन डेस्टिनेशन बन रहा है, आज युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति और संस्कारों से जुड़ने लगे हैं, उनके लिए गोशाला में विवाह का आयोजन कई मायने में बेहतर रहेगा।
यहां विवाह का कार्यक्रम दिन में होगा, जिससे शादी होने से बिजली या अन्य खर्च की भी बचत हो सकेगी। गोशला की तरफ से पंडितों की व्यवस्था होगी। शादी के बाद दुल्हन की विदाई महंगी कारों के बजाए बैलगाड़ी में होगी। इसके लिए बैलगाड़ी तैयार हो चुकी है। इसके अलावा वरमाला कार्यक्रम के लिए पालकी तैयार करवाई जा रही है। मेहमानों के बैठने के लिए घांस के सोफे तैयार हो चुके हैं।
वैवाहिक कार्यक्रम में आने वाले मेहमानों के लिए मोटे अनाज (मिलेट्स) से बने व्यंजन परोसे जाएंगे। नशा और फास्ट फूड पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। डिस्पोजल थाली व गिलास के जगह कुल्हड़ और पत्तल का उपयोग किया जाएगा। यानि शादी पूरी तरह इकोफ्रेंडली होगा। मेहमानों को ठहरने के लिए 35-40 कुटिया बनवाई जा रही है। एक कुटिया में 10 लोग रह सकते हैं। लोग भी इस संस्कृतिक डेस्टिनेशन की तारीफ कर रहें हैं।