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भोपाल. पत्थरबाजों और दंगाइयों (Stone Pelters and Rioters) से नुकसान की वसूली का विधेयक मध्यप्रदेश विधानसभा (MP Meeting) में गुरुवार को पास हो गया. इस विधेयक पर चर्चा के लिए एक घंटे का वक्त निर्धारित किया गया था लेकिन पंचायत चुनाव (Panchayat Chunav) में ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के मुद्दे पर हुए हंगामे की वजह से इस विधेयक पर एक मिनट भी चर्चा नहीं हुई. इसे बिना चर्चा के ही पास कर दिया गया.
विधेयक पारित होने के बाद अब इसे राज्यपाल के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा. फिर राजपत्र में प्रकाशित कर क़ानून लागू होगा. अहम बात ये है कि इस विधेयक को राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए केंद्र सरकार को भेजने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.
क्या है विधेयक ?
मध्यप्रदेश में शिवराज कैबिनेट ने सरकारी और निजी संपत्ति के नुकसान की वसूली संबंधी विधेयक को मंजूरी दी थी. इस विधेयक को बुधवार को गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा में पेश किया था, जिसे गुरुवार को बिना चर्चा पास कर दिया गया. विधानसभा से पास हो जाने के बाद प्रदेश में अब अगर धरना, प्रदर्शन, दंगों के दौरान सरकारी और निजी संपत्ति को अगर किसी तरह का नुकसान पहुंचता है तो फिर नुकसान की वसूली नुकसान करने वालों से ही की जाएगी.
क्या होंगे प्रावधान ?
सरकार के प्रवक्ता और गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने इस विधेयक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सरकारी – निजी संपत्ति के नुकसान की वसूली के लिए विधेयक में क्लेम ट्रिब्यूनल के गठन का प्रावधान है. ट्रिब्यूनल को सिविल कोर्ट के बराबर अधिकार दिए गए हैं. ट्रिब्यूनल को कुर्की, नीलामी, वसूली का भी अधिकार होगा. अगर शासकीय या निजी संपत्ति को नुकसान होता है तो फिर नुकसान के दोगुने तक वसूली का प्रावधान किया गया है. किसी भी केस के निपटारे के लिए 3 महीने का समय भी निर्धारित किया गया है.
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