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भोपाल. मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा चर्चा में रहा नेमावर आदिवासी हत्याकांड मामले को लेकर शिवराज सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. शिवराज सरकार ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की है. इसे लेकर राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा है. 2 जुलाई को हत्याकांड का खुलासा हुआ था. आदिवासी परिवार के पांच सदस्यों को हत्या के बाद जमीन में 10 फीट गहरे गड्ढे में डाल दिया गया था. हत्या के पीछे प्रेम प्रसंग की आशंका जताई गई थी. आदिवासी परिवार के 5 लोगों की हत्या के मामले में जमकर सियासत भी हुई थी. दर्दनाक तरीके से हुए पूरे घटनाक्रम को लेकर क्षेत्र में दहशत का माहौल था.
देवास के नेमावर में हुई इस घटना को लेकर सियासत भी चरम पर थी. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी. पूरे मामले में स्थानीय पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 9 लोगों को आरोपी बनाया था. इनकी गिरफ्तारी की गई थी, लेकिन घटना से जुड़े कई अनसुलझे सवालों के जवाब तलाशने में पुलिस नाकाम साबित हुई. अब पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की अनुशंसा मुख्यमंत्री ने कर दी है.
करीब 6 महीने बाद सीबीआई जांच की सिफारिश
अगर सीबीआई इस पूरे मामले की जांच को हाथ में लेता है तो उन तमाम अनसुलझे सवालों के जवाब सामने आएंगे जो घटना से जुड़े हुए हैं. मसलन घटना को किस दिन अंजाम दिया गया वाकई में क्या प्रेम प्रसंग से जुड़ा पूरा मामला था या कुछ और कहानी थी. 10 फीट गहरे गड्ढे में शवों को दफनाने में किस-किस की भूमिका थी. इसके अलावा कई ऐसे सवाल हैं जो घटना से जुड़े हुए हैं. करीब 6 महीने बाद राज्य सरकार ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की है. इस पूरे घटना को परिवार की सदस्य के प्रेम प्रसंग से जोड़कर देखा गया था. घटना के बाद आरोपियों को फांसी देने की मांग भी उठी थी. आदिवासी परिवार के 5 लोगों के नर कंकाल को खेत में 10 फीट गहरे गड्ढे से निकाला गया था. यह सभी 48 दिनों से लापता बताए जा रहे थे. घटना में जिन लोगों के नर कंकाल मिले थे उसमें चार महिलाएं और एक बच्चा शामिल था. यह सभी 13 मई की रात को अपने घर से बिना बताए गायब हो गए थे.
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कांग्रेस ने जांच में सिफारिश को बताया देर से उठाया गया कदम
वहीं राज्य सरकार के नेमावर आदिवासी हत्याकांड मामले की सीबीआई को जांच देने पर कांग्रेस ने कहा है कि देर से लिया गया फैसला. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि जघन्य अपराध के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तत्काल सीबीआई जांच कराने की मांग की थी , लेकिन सरकार 6 महीने बाद जागी है. दरअसल, ओबीसी आरक्षण और पंचायत चुनाव से ध्यान भटकाने की कोशिश है. बहरहाल अब अगर नेमावर आदिवासी हत्याकांड मामले की जांच सीबीआई करती है तो कई नए खुलासे होने की उम्मीद है.
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