Nashik: सरकार की तरफ से मांगें न माने जाने से नाराज महाराष्ट्र में नासिक के प्याज व्यापारी संघ का विरोध प्रदर्शन अब भी जारी है। एसोसिएशन प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने के केंद्र के फैसले का विरोध कर रही है। केंद्र ने 31 दिसंबर तक के लिए निर्यात शुल्क बढ़ा दिया है।
प्रवीण कदम, प्रवक्ता, प्याज व्यापारी संघ, नासिकः “नासिक जिले में व्यापारियों की समिति ने बैठक की जिसमें स्पष्ट निर्णय लिया गया कि जब तक सरकार हमारी मांगों पर सहमत नहीं होती, हम कोई काम नहीं करेंगे। हमें काम करने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन जब तक सरकार हमारी मांग नहीं सुनती, हम काम नहीं करेंगे।”
नासिक में प्याज व्यापारियों के विरोध प्रदर्शन और इसकी वजह से प्याज की नीलामी नहीं होने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
किसानों का कहना है कि “व्यापारियों के हड़ताल की वजह से तमाम किसान लोगों का नुकसान हो रहा है। इसमें जो प्याज अपने चाल में रखा था, स्टोरेज करके रखा था, वो बारिश की वजह से और ये जो क्लाइमेट है, क्लाइमेट खराब की वजह से बहुत सारा प्याज खराब हो रहा है। किसानों का नुकसान हो रहा है उसमें। अगर मंडी चालू रहती तो ये प्याज मंडी में जाता। किसानों को उसका पैसा मिलता।”
Nashik:
इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉक्टर भारती पवार ने बताया कि “बारिश की वजह से भी प्याज काफी सारा खराब होता है। और आज जब जरूरी है किसान को कि प्याज बेचना है, तो मुझे लगता है कि उनकी आवश्यकताओं को सामने देखते हुए व्यापारियों ने ये बंद पीछे लेना चाहिए। सरकार किसानों के लिए और व्यापारी – दोनों के हित के लिए काम कर रही है और लगातार सपोर्ट भी किया है। मुझे लगता है कि अभी शायद हमारे यहां ही प्याज की आवश्यकता है। इसलिए ये थोड़ा रोक लगाया है।”
उन्होंने कहा कि व्यापारियों की कुछ और मांगें हैं, जिनमें बाजार शुल्क में 50 प्रतिशत की कटौती, नीलामी में नैफेड और एनसीसीएफ की भागीदारी और प्याज के ट्रांसपोर्ट में 50 प्रतिशत की सब्सिडी शामिल है। दो दिन पहले सरकार ने ‘बैंगलोर रोज’ प्याज के निर्यात को कुछ शर्तों के साथ शुल्क से छूट दी थी।