Maharashtra Politics: महाराष्ट्र सरकार को विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, शिंदे ने बताया लोकतंत्र की जीत

Maharashtra Politics:  महाराष्ट्र की शिंदे सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विधायकों की अयोग्यता पर हम फैसला नहीं लेंगे। अब 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की याचिका पर बड़ी बेंच फैसला सुनवाई। जिसके बाद स्पीकर और गवर्नर की भूमिका पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।

आज सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर फैसला सुनाया है, उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देते हुए शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की गई थी। कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया है और ऐसे में उनको बहाल नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही कहा कि उद्धव ठाकरे को सीएम नहीं बनाया जा सकता है तो राज्यपाल और स्पीकर पर सख्त टिप्पणी करते हुए उनकी भूमिका पर भी बड़े सवाल खड़े किया हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले को बड़ी बेंच में भेजा जाएगा।

Maharashtra Politics: Maharashtra Politics:    कोर्ट की सुनवाई : 

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि उद्धव ठाकरे के खिलाफ हुई बगावत में पार्टी की कलह में पड़ना गवर्नर की जिम्मेदारी नहीं है। कोर्ट ने कहा कि विधानसभा में फ्लोर टेस्ट बुलाने के लिए राज्यपाल के पास कोई पुख्ता आधार नहीं थ ऐसे में किसी भी पार्टी के आंतरिक विवाद को सुलझाने के लिए फ्लोर टेस्ट इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह अयोग्यता पर फैसला नहीं ले सकते और इस मामले पर स्पीकर को फैसला करने के आदेश दिए गए हैं। इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने सात जजों की बड़ी बेंच को सौंप दिया है, इस फैसले से फिलहाल एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों पर फैसला टल गया है और व्हिप को पार्टी से अलग करना ठीक नहीं है।

फैसले पर प्रतिक्रिया-

कोर्ट के फैसले के बाद एक तरफ सीएम एकनाथ शिंदे ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि SC का फैसला लोकतंत्र की जीत है और महाविकास आघाडी के मंसूबे नाकाम हुए। इसके साथ ही कहा कि उद्धव को नैतिकता पर बोलने का अधिकार नहीं है और हम कोर्ट के इस फैसले से पूरी तरह संतुष्ट हैं। तो दूसरी तरफ कोर्ट के पर उद्धव ठाकरे का बयान भी समाने ये है उन्होंने कहा कि नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया था और एकनाथ शिंदे मुखमंत्री पद छोड़ दें साथ ही कहा कि गद्दार लोगों के साथ सरकार कैसे चला सकते थे और मौजूदा सीएम नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें।

Maharashtra Politics:  दरअसल पिछले साल एकनाथ शिंदे गुट की बगावत के बाद शिवसेना दो गुटों में बंट गई थी और उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने के लिए तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बुलाया था। जिस पर उद्धव ठाकरे गुट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए 16 विधायकों की सदस्यता की वैधता को चुनौती दी गई थी।

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