Srinagar: कश्मीर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत श्रीनगर हेरिटेज फेस्टिवल यानी ”सौन मीरास” की शुरुआत के मौके पर डल झील पर एक शिकारा रैली आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में पारंपरिक हस्तशिल्प, तैरते सब्जी बाजार और क्षेत्र की अनूठी जीवनशैली का प्रदर्शन किया गया, श्रीनगर जिला प्रशासन की ओर से आयोजित रैली में घाटी की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने के इरादे से स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
“अतिथि देवो भव” की भावना को अपनाते हुए पर्यटकों को हरी झंडी दिखाने के लिए आमंत्रित किया गया ताकि वे भी उत्सव का हिस्सा बन सकें। शिकारे को रंग-बिरंगे फूलों, पपीयर-मैचे कला, हस्तनिर्मित शॉल और सुलेख से सजाया गया था, जबकि जीवंत कश्मीरी संगीत ने उत्सव के माहौल में चार चांद लगा दिए।
स्थानीय कारीगरों ने इस पहल का स्वागत किया, इसे मनोबल बढ़ाने वाला और पर्यटकों के सामने अपनी शिल्प कौशल दिखाने का अहम मौका बताया, 24 फरवरी से शुरू हुआ श्रीनगर हेरिटेज फेस्टिवल 28 फरवरी तक चलेगा।
शिकारा एसोसिएशन अध्यक्ष वली मोहम्मद ने कहा कि “प्रशासन की ओर से जो रैली आयोजित की गई है, वह पर्यटन को बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम है। पर्यटकों को पता चलेगा कि कश्मीर में बहुत सी चीजें हैं, जैसे फूल, सब्जियां बेचने वाले शिकारे और भी बहुत कुछ है। इससे शिकारावालों को अपना व्यवसाय बढ़ाने और पर्यटन बढ़ाने में मदद मिलती है।”
पर्यटकों का कहना है कि “हमें यहां आमंत्रित किया गया था और हमने इस कार्यक्रम को हरी झंडी दिखाई है।’ यहां के प्रशासन ने एक बहुत ही सुंदर कार्यक्रम का आयोजन किया है जिसमें शिकारे में बहुत सी चीजों का प्रदर्शन किया गया। जैसे सब्जियां, फल, गुलदस्ते, फूल और भी बहुत कुछ। प्रशासन की ओर से संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए यह बहुत अच्छी पहल है।”