Operation Sindoor: भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, बस इसे फिलहाल स्थगित रखा गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना सतर्क और तैयार है और यदि फिर से चुनौती दी गई, तो वह फिर मुंहतोड़ जवाब देगी।
दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले और छह-सात मई को भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के बाद शुरू हुए सैन्य संघर्ष के बाद पुंछ सबसे अधिक प्रभावित हुआ था और पड़ोसी देश की ओर से बड़े पैमाने पर गोलाबारी की गई थी।
पुंछ ब्रिगेड कमांडर मुदित महाजन ने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, यह फिलहाल स्थगित है।’’ उन्होंने सेना की तैयारियों के संबंध में कहा, ‘‘भारतीय सेना सतर्क और तैयार है तथा यदि एक बार फिर चुनौती दी गई, तो हम फिर जवाब देंगे, शब्दों से नहीं, बल्कि गोलों और राष्ट्र के संकल्प के साथ।’’
महाजन ने कहा कि संक्षेप में पाकिस्तानी सेना की क्षति केवल संख्या में ही नहीं हुई है, बल्कि मनोबल और पहल में भी हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘आज, वे अपने ही देश के सामने अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं। अब तक, हमारे पास जो जानकारी हैं, उनसे पता चलता है कि दुश्मन को भारी क्षति हुई है। हमने प्रतिक्रिया देने के लिए इंतजार नहीं किया, बल्कि हमने जवाब देने की तैयारी की। इस सीमा तक, मैं कहूंगा कि पुंछ ब्रिगेड ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा नहीं, बल्कि उसके केंद्र में था।’’
पुंछ ब्रिगेड कमांडर ब्रिगेडियर मुदित महाजन ने बताया कि “ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, ये फिलहाल स्थगित है। भारतीय सेना सतर्क और तैयार है और अगर एक बार फिर चुनौती दी गई तो हम फिर से जवाब देंगे, शब्दों से नहीं बल्कि आग और राष्ट्र के संकल्प से। पाकिस्तानी सेना का नुकसान सिर्फ संख्या में ही नहीं बल्कि मनोबल में भी हुआ है। आज वे अपने ही देश के सामने अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं। अब तक हमारे पास ऐसे इनपुट हैं जो बताते हैं कि दुश्मन को भारी घातक और गैर-घातक क्षति हुई है। प्रत्येक बीतते दिन के साथ घातक हताहतों की संख्या बढ़ती जा रही है क्योंकि खुफिया एजेंसियां इन इनपुट की पुष्टि और सत्यापन करने के लिए काम कर रही हैं। हमने प्रतिक्रिया करने के लिए इंतजार नहीं किया, हमने जवाब देने के लिए तैयारी की।
इसके साथ ही कहा कि इस हद तक मैं कहूंगा कि पुंछ ब्रिगेड ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा नहीं बल्कि उसका दिल था। पहलगाम में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकी हमले का भारतीय सेना ने एक संतुलित जवाब दिया, जिसमें शुरू में केवल आतंकी ढांचे पर ध्यान केंद्रित किया गया। सेना ने बेजोड़ सटीकता और उद्देश्य के साथ हमला किया – मारे गए नौ महत्वपूर्ण आतंकी ठिकानों में से छह पुंछ, राजौरी और अखनूर के विपरीत थे और उन्हें उसी रात प्रभावी ढंग से निष्प्रभावी कर दिया गया। जब पाकिस्तानी सेना ने नागरिक क्षेत्रों को अंधाधुंध तरीके से निशाना बनाकर हमला करना शुरू किया, तभी भारतीय सेना ने निर्णायक रूप से उनके सैन्य ठिकानों पर हमला करना शुरू किया। जैसे ही दुश्मन ने ड्रोनों का खतरा पैदा किया, ये सेना की वायु रक्षा ही थी जो वास्तव में एक चमकदार ढाल के रूप में उभरी, जिसने हर हवाई खतरे को रोकने के लिए असाधारण कौशल, लचीलापन और अत्याधुनिक समन्वय का प्रदर्शन किया।”