Kathua: जम्मू कश्मीर में कठुआ जिले के सुदूर जंगली इलाके में गुरुवार को आतंकवादियों के साथ दिनभर मुठभेड़ चली। गोलीबारी में तीन आतंकवादी मारे गए तीन सुरक्षा कर्मचारी शहीद हो गए। मुठभेड़ में एक डीएसपी समेत सात सुरक्षा कर्मचारी घायल हुए हैं। मुठभेड़ सुबह करीब आठ बजे शुरू हुई, माना जा रहा है कि आतंकवादी पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) संगठन के सदस्य हैं। हालांकि ये साफ नहीं है कि ये वही आतंकवादी हैं, जो कठुआ के सान्याल जंगल में हुए घेराबंदी से बच निकला था या कोई और।
अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में भीषण गोलीबारी और विस्फोट हुए, दर्जनों स्थानीय युवकों को घाटी के अंदर भारी हथियार और गोला-बारूद ले जाने में सुरक्षा बलों की मदद की। राजबाग के घाटी जूथाना इलाके में जखोले गांव के पास हुई मुठभेड़ में कम से कम पांच आतंकवादी थे। शुरुआती गोलीबारी में तलाशी दल का नेतृत्व कर रहे एसडीपीओ सहित छह पुलिसकर्मी घायल हो गए।
जम्मू कश्मीर पुलिस के एसओजी के नेतृत्व में सेना और सीआरपीएफ की मदद से हुई मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए, मुठभेड़ के दौरान एसडीपीओ समेत पांच पुलिस कर्मचारी कथित तौर पर गोलीबारी स्थल के पास फंस गए, जो घने पेड़ों से घिरे एक नाले के पास था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि डीएसपी रैंक के एसडीपीओ को देर शाम मौके से निकाल लिया गया। उनके तीन निजी सुरक्षा कर्मचारी मारे गए। उन्होंने कहा पुलिस कर्मचारी लापता है।
जम्मू कश्मीर पुलिस ने पुलिसकर्मियों की मौत की न तो पुष्टि की है और न ही इनकार किया है। पुलिस ने कहा कि शुक्रवार सुबह छानबीन के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। अभी तक आतंकवादियों के शव भी बरामद नहीं किए जा सके हैं, सुरक्षा बलों ने रात को अभियान रोक दिया था, माना जा रहा है कि इलाके में दो और आतंकवादी हैं और मारे गए हैं, लेकिन ड्रोन से उनके शव नहीं दिखे। एसडीपीओ और दो पुलिसकर्मियों को कठुआ अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत स्थिर बताई गई है। सेना के दो जवान भी घायल हुए हैं, जिन्हें सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
शाम को मौके पर सेना की विशेष टुकड़ियां पहुंचीं, ताकि घेराबंदी और मजबूत हो। दो आतंकवादियों के शव ड्रोन से दिखे, इस बीच जैश-ए-मोहम्मद के छद्म संगठन पीपुल्स एंटी-फासीस्ट फ्रंट ने पुलिस पार्टी पर गोलीबारी की जिम्मेदारी ली है। इससे पहले रविवार शाम को भी कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में एसओजी ने आतंकवादियों के समूह को रोका था, अधिकारियों ने बताया कि व्यापक तलाशी अभियान के बावजूद आतंकवादी घेराबंदी से बच निकले थे। अधिकारियों ने बताया कि जब एक एसडीपीओ के नेतृत्व में पुलिस दल सूचना मिलने पर वहां पहुंचा तो आतंकवादी जंगल से गुजर रहे थे। उन्होंने बताया कि फौरन पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के जवान अतिरिक्त बल तैनात किए गए। कठुआ जिले के गांव सुफैन में दिन भर गोलीबारी, ग्रेनेड और रॉकेट दागे जाने की आवाजें गूंजती रहीं। इस दौरान कई शक्तिशाली विस्फोट भी हुए।
रविवार शाम को पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सान्याल गांव में एक नर्सरी में बने घेरे के भीतर आतंकवादियों के एक समूह को रोका गया था। इसके बाद पुलिस, सेना, एनएसजी, बीएसएफ और सीआरपीएफ की मदद से बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया। इसमें हेलीकॉप्टर, यूएवी, ड्रोन, बुलेटप्रूफ वाहन और खोजी कुत्तों सहित उन्नत तकनीकी और निगरानी उपकरणों का इस्तेमाल किया गया।
तलाशी दलों ने हीरानगर में मुठभेड़ स्थल के पास एम4 कार्बाइन की चार भरी हुई मैगजीन, दो ग्रेनेड, एक बुलेटप्रूफ जैकेट, स्लीपिंग बैग, ट्रैकसूट, खाने के पैकेट और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बनाने के सामान बरामद किए। पुलिस का मानना है कि आतंकवादियों ने शनिवार को सीमा पार से घुसपैठ की थी, पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात और जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक भीम सेन टूटी पिछले चार दिनों से कठुआ से आतंकवाद विरोधी अभियान की निगरानी कर रहे हैं।