Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद घाटी में उम्मीद की नई किरण देखने को मिल रही है। आतंकी हमले की वजह से शुरू में यहां का पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हो गया था। चार दिन बंद रहने के बाद, भद्रवाह-पठानकोट राजमार्ग के किनारे गुलदांडा और चत्तरगल्ला के खूबसूरत मैदान सैलानियों के लिए फिर से खुल गए। सैलानियों की सुरक्षा के लिए डोडा जिला प्रशासन ने सेना की अतिरिक्त टुकड़ियों, जम्मू कश्मीर पुलिस की विशेष टुकड़ी और CRPF को संवेदनशील जगहों और रास्तों पर तैनात किया है। यहां नई चौकियां बनाई गई हैं।
नल्थी चेक पोस्ट पर सेना सैलानियों का गर्मजोशी से स्वागत कर रही है। उन्हें शांति और सद्भावना का प्रतीक गुलाब भेंट किया जा रहा है। देश भर से आए सैलानी सुरक्षा बलों की चौकस मौजूदगी से पूरी तरह से सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उनके अंदर घूमने का जज्बा उफान पर है। भद्रवाह डिपार्टमेंट अथॉरिटी के आंकड़ों के मुताबिक रविवार दोपहर तीन बजे तक तीन हजार 700 से ज्यादा सैलानी नल्थी चेक पोस्ट पार कर चुके थे। ये आंकड़ा पहलगाम आतंकी हमले को देखते हुए अद्भुत था। देश भर से पहलगाम में सैलानियों का आना जारी है।
आतंकी हमले के बावजूद लोग यहां की खूबसूरती और खासकर लोकप्रिय सेल्फी पॉइंट को देखने के लिए खिंचे आ रहे हैं। स्थानीय समुदाय की गर्मजोशी, मेहमाननवाजी और बढ़ी हुई सुरक्षा ने सैलानियों में भरोसे का संचार किया है। पर्यटन केंद्रों को फिर से खोलना और भारी संख्या में सैलानियों का आना, नए सिरे से निर्माण की दिशा में अद्भुत कदम है। घाटी के पर्यटन में नई जान फूंकने के लिए स्थानीय लोग और सैलानी कंधे से कंधा मिला कर आगे बढ़ रहे हैं।
महाराष्ट्र से आई सैलानी तनुशी ने कहा, “जब हम यहां पर आए तभी हमें पता चला कि पहलगाम अटैक हुआ है। हम बहुत डर गए थे कि कैसा होगा। शाम में हमारी टिकट बुक हो चुकी थी। एडवांस भी दे दिया था। बट आर्मी ने हमारी बहुत हेल्प की। बहुत ज्यादा ही। अब हम गुलदांडा में हैं। वहां पे भी आर्मी मौजूद है। हमें फुल सिक्योरिटी प्रोवाइड करा है। हमें किसी भी बात का डर नहीं है। हम बहुत इन्जॉय कर रहे हैं। जैसे कि आप देख ही सकते हो कि बाकी लोग भी बहुत इन्जॉय कर रहे हैं।”
काजल ने कहा, “डर तो लगेगा। ऑब्वियसली हमको पता नहीं। यहां पे जब हमने एंट्री नहीं किया था, उससे पहले मुंबई में थी। तो डर लगा। लोग बहुत बोले नहीं जाना चाहिए, लेकिन हम पहली बार घर से बाहर निकल रहे थे। हमको घूमना ही था। और हमारा ये एक महीने पहले से प्लान था। तो अचानक हम कैंसिल नहीं कर सकते थे। हमने नहीं डरा। वहां पर भी लोग रहते हैं ना। क्यों डरना है। तो हम आ गए।”