World Mental Health Day 2022: ‘वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे’ आज, जानें इसका महत्व और इतिहास

नमिता बिष्ट 

हर साल 10 अक्टूबर को ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ मनाया जाता है। इस दिन वैश्विक स्तर पर बढ़ रही मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के बारे में और मानसिक विकार के बढ़ते खतरे को कम करने के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है। इसे हर साल 10 अक्टूबर को एक नई थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। तो चलिए जानते है क्या है इस खास दिन से जुड़ी अहम जानकारियां….

विश्व मानसिक सेहत दिवस का इतिहास
साल 1992 में विश्व मानसिक सेहत दिवस (World Mental Health Day) मनाने की शुरुआत हुई थी। इसे यूनाइटेड नेशन्स के उप महासचिव रिचर्ड हंटर और वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ की पहल पर शुरू किया गया था। तब से यह हर साल 10 अक्टूबर को मनाया जाता है।

ये है 2022 की थीम
हर साल इस दिन को एक नई थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल की थीम ‘मेकिंग मेंटल हेल्थ एंड वेल-बीइंग फॉर ऑल ए ग्लोबल प्राइयॉरिटी’ रखी गई है। इसका मकसद मेंटल हेल्थ कंडिशन वाले लोगों, वकीलों, सरकारों, नियोक्ताओं, कर्मचारियों और अन्य हितधारकों के लिए मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को मेन स्ट्रीम में लाना। ताकि इंटरनेशनल लेवल पर इस मुद्दे पर बात हो और लोगों की मेंटल हेल्थ दुरुस्त रहे।

इस दिवस को मनाने का उद्देश्य
हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर दुनियाभर में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और उनमें लोगों को मानसिक और शारीरिक रूप से सेहतमंद रहने के तरीके बताए जाते हैं। साथ ही तनाव में जी रहे लोगों की समस्याओं को जानने का प्रयास किया जाता है और उन्हें सही राह दिखाने का प्रयास किया जाता है। वहीं ऑस्ट्रेलिया समेत कई अन्य देशों में मेंटल हेल्थ के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह भी मनाया जाता है।

कोरोना के बाद मानसिक रोगियों में इजाफा
कोरोना महामारी के बाद से मानसिक रोगों से जूझ रहे लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है। और तो और बच्चे भी इससे अछूते नहीं हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना काल के बाद मानसिक रोगियों की संख्या 20 प्रतिशत बढ़ गई। जिसमें तकरीबन 14 फीसदी बच्चे भी शामिल हैं।

WHO की चौंकाने वाली रिपोर्ट
WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेशनल लेवल पर आठ में एक शख्स मेंटल डिसऑर्डर का शिकार है। साथ ही लोग मानसिक स्वास्थ्य के लिए उपलब्ध सेवाएं, स्किल्स और फंडिंग की कमी झेल रहे हैं। इनमें ज्यादातर लॉ और मिडिल क्लास परिवार से आने वाले देश शामिल हैं। इसलिए इस साल विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर लोगों को री-कनेक्ट करने की कोशिश की जा रही है।

क्या है मेंटल हेल्थ?
मेंटल हेल्थ का अर्थ है हमारा बायोलॉजिकल, साइकोलॉजिकल और सोशल फैक्टर्स। बायोलॉजिकल फैक्टर्स यानी जब ब्रेन में कोई केमिकल बदलाव हो जाए, तो व्यक्ति को मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। साइकोलॉजिकल फैक्टर्स व्यक्ति की पर्सनैलिटी से जुड़े होते हैं। सोशल कारण में व्यक्ति की सामाजिक परिस्थितियां कैसी हैं, इससे भी मेंटल हेल्थ पर बहुत अधिक एफेक्ट पड़ता है। इसमें जॉब प्रोफाइल कैसी है, वर्क प्रेशर, आपको लेकर परिवार की आशाएं, उम्मीदें क्या हैं, जॉब लॉस आदि बातें भी काफी हद तक एक व्यक्ति की मानसिक सेहत को प्रभावित करती हैं। कई बार शारीरिक रूप से बीमार होने, आत्मविश्वास में कमी, आत्म-सम्मान में कमी, पारिवारिक लड़ाई-झगड़े, किसी प्रिय व्यक्ति को खो देने आदि कारणों से भी दिमाग की सेहत पर काफी बुरा असर पड़ता है।

बच्चों में परिवर्तन दिखे तो परामर्श लें
मनोविज्ञानी बताते है कि भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव होना आम है, लेकिन इससे निपटने के तरीके पता होने चाहिए। वहीं अगर बच्चों की बात करें तो बच्चों के व्यवहार में किसी तरह का परिवर्तन दिखाई दे तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। अगर दिक्कत ज्यादा महसूस होने लगे तो मनोचिकित्सक और मनोविज्ञानी से परामर्श लेना चाहिए। विद्यालयों में भी समय-समय पर मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण होना चाहिए।

मेंटल हेल्थ को फिट रखने के लिए क्या करें
मेंटल हेल्थ अगर अच्छी बनी रहेगी तो पूरा शरीर सही तरीके से काम करेगा। इसके लिए बेहद जरूरी कि नियमित दिनचर्या का पालन करना चाहिए। जैसे….
तनाव को खुद पर हावी न होने दें।
स्ट्रैस फ्री रहने के लिए वो काम करें जो आपको पसंद है।
मेंटल हेल्थ को दुरुस्त रखने के लिए योग और मेडिटेशन कर सकते हैं।
अपने मन को खुश रखने की कोशिश करें।
अपने मन की बात को शेयर करें।
जीवन के प्रति पॉजिटिव सोच रखें।
अच्छी चीजें पढ़ें और लिखें।
अच्छी नींद लें।
नशे से दूर रहें।
परेशानी होने पर भी डॉक्टर से बात करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *