Ukraine-Russia war: अमेरिका की रूस के खिलाफ कार्रवाई,चौतरफा घेरने की तैयारी

यूक्रेन पर रूस के हमले का आज तीसरा दिन है। हर तरफ तबाही का मंजर है। लोग भाग रहे हैं…परेशान हैं। यूक्रेन की सड़कों, गलियों में रूसी टैंक तो आसमान में लड़ाकू विमान बम बरसा रहे हैं। रूसी सेना राजधानी कीव पर कब्जा करने के लिए लगातार आगे बढ़ती जा रही है। गंभीर हालात को देखते हुए यूक्रेन में आम लोगों ने भी मुल्कल की रक्षा के लिए हथियार उठा लिए हैं। वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की गुहार लगाई है।
रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद दुनिया के ज्यादातर देश इस हमले की आलोचना कर रहे हैं। रूस पर युद्ध रोकने को दबाव डालने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ, यूनाइटेड किंगडम, जापान, कनाडा, ताइवान और न्यूजीलैंड ने बैंकों, तेल रिफाइनरियों और सैन्य निर्यात को लेकर रूस के खिलाफ कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। इसके तहत अब रूस डॉलर, पाउंड और यूरो का कारोबार नहीं कर सकेगा। प्रतिबंधों का उद्देश्य डॉलर, यूरो, पाउंड और येन में व्यापार करने की रूस की क्षमता को सीमित करना है। साथ ही अमेरिका ने रूस के पांच प्रमुख बैंकों को भी निशाना बनाया है। इसमें सरकारी बैंक सर्बैंक और वीटीबी भी शामिल है। रूस का सबसे बड़ा ऋणदाता सर्बैंक अब अमेरिकी बैंकों की सहायता से पैसे ट्रांसफर नहीं कर पाएगा।
रूस को SWIFT सिस्टम से बाहर करने की अपील
यूक्रेन अमेरिका और अन्य ताकतवर देशों से रूस को आर्थिक चोट पहुंचाने के लिए उसे SWIFT सिस्टम से बाहर करने की अपील कर रहा है। अमेरिका ने अभी तक इसको लेकर रूस पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है। बता दें कि SWIFT कोड के जरिए ही विदेश से पैसा भेजा या मंगाया जाता है। ये ग्लोबल बैंकिंग का सबसे बड़ा माध्यम है। मौजूदा दौर में इसे आर्थिक क्षेत्र का बैकबोन कहा जाता है। लंबे समय से इसे एक वित्तीय परमाणु हथियार के बराबर के रूप में देखा जाता है। व्हाइट हाउस ने निर्यात प्रतिबंधों की भी घोषणा की, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर से लेकर सेमीकंडक्टर और विमान के पुर्जों तक रूस की पहुंच को रोकना है। बाइडन ने रूस के खिलाफ कड़े आर्थिक प्रतिबंधों की घोषणा की, लेकिन रूसी बलों के खिलाफ युद्ध के लिए यूक्रेन में अमेरिकी बलों को भेजने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया रूस के खिलाफ एकजुट है। बाइडन ने कहा कि यदि रूस अमेरिका पर साइबर हमला करता है, तो अमेरिका उसका जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने नाटो बलों की सहायता के लिए और बलों को भेजने की घोषणा भी की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *