रूस और यूक्रेन के बीच का तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। “रूस यूक्रेन पर 16 फरवरी को हमला कर सकता है”, यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की के इस बयान के बाद कि तनाव और अधिक बढ़ गया है तो यूक्रेन सीमा पर रूसी सैनिकों की हलचल यूक्रेन के दिल की धड़कनों को बढ़ा रही हैं। पूर्वी यूरोप में वॉर के बढ़ते खतरे के बीच कीव स्थित भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी है। मंगलवार को दूतावास ने इस संबंध में एडवाइजरी जारी कर दी है। इसमें भारतीय नागरिकों और खासतौर से छात्रों को अस्थायी रूप से यूक्रेन छोड़ने के लिए कहा गया है। बता दें कि इससे पहले भी अमेरिका समेत कई देश यूक्रेन से अपने राजनयिकों को देश छोड़ने के लिए कह चुके हैं।
भारतीय दूतावास की तरफ से जारी एडवाइजरी में कहा गया है, ‘यूक्रेन में मौजूदा स्थिति की अनिश्चितताओं को देखते हुए यूक्रेन में रह रहे भारतीय नागरिक, खासतौर से छात्र जिनका रुकना जरूरी नहीं है, वे अस्थायी रूप से निकलने पर विचार कर सकते हैं। भारतीय नागरिकों को यूक्रेन और यूक्रेन के अंदर गैर जरूरी यात्रा से बचने की सलाह भी दी जाती है। आगे कहा गया है, ‘भारतीय नागरिकों से अनुरोध किया जाता है कि वे यूक्रेन में अपनी मौजूगी के बारे में दूतावास को अवगत कराएं, ताकि जरूरत पड़ने पर उन तक पहुंचा जा सके। यूक्रेन में भारतीयों को सेवाएं देने के लिए सामान्य रूप से काम करेगी।’ गौरतलब हो कि यूक्रेन में इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई कर रहे लगभग 20 हजार भारतीय छात्र भी फंसे हुए हैं। इन सबको स्वदेश वापस लाने के लिए दिल्ली में राष्ट्रपति सचिवालय में याचिका भी दायर की गई थी।
रूस और यूक्रेन का जारी सीमा विवाद
यूरोप में पिछले कुछ दिनों से जंग का माहौल बना हुआ है। यूक्रेन की सीमा पर रूस ने बड़े पैमाने पर सैनिकों की तैनाती कर दी है। इसके जवाब में अमेरिका की अगुवाई वाले सैन्य संगठन नाटो (NATO) ने भी पूर्वी यूरोप में गतिविधियां तेज कर दी है। अमेरिका और उसके सहयोगी पश्चिमी देशों का मानना है कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है। जिस जमावड़े को रूस सिर्फ ‘अभ्यास’ नाम देकर टाल रहा वह इतना बड़ा है कि किसी भी व्यापक स्तर की सैन्य कार्रवाई को अंजाम दे सकता है। एक खुफिया रिपोर्ट दावा कर रही है कि रूस ने इतनी बड़ी संख्या में सैनिकों को इकट्ठा कर लिया है कि वह यूक्रेन पर ‘चारों तरफ से हमला’ कर सकता है, जिसकी शुरुआत कीव से होगी। दावा किया जा रहा है कि पुतिन बिना किसी चेतावनी के यूक्रेन पर आक्रमण का आदेश देंगे। लेकिन ब्रिटेन और अमेरिका का कहना है कि शांति की उम्मीदें अभी भी बरकरार हैं और कूटनीति का रास्ता अभी भी खुला हुआ है। लेकिन इस बीच एक पश्चिमी खुफिया रिपोर्ट ने ‘चिंता’ को बढ़ा दिया है जिसमें कई सिलसिलेवार हमलों का अनुमान लगाया गया है। इसका मतलब है कि रूस लगातार हमले करके सबसे पहले कीव पर कब्जा करेगा।
रूस के यूक्रेन पर हमले के परिणाम
पश्चिम के एक वरिष्ठ ख़ुफ़िया अधिकारी ने चेतावनी दी है कि रूस ने यदि यूक्रेन पर हमला करने का फ़ैसला किया तो यह संघर्ष पूरे यूरोप में फैल सकता है। यह सोचना कि यह लड़ाई केवल एक देश तक सिमटी रहेगी, तो मूर्खता होगी।” लड़ाई का खामियाजा नेटो सदस्यों को भी उठाना पड़ेगा। इतना ही नहीं अमेरिका और उसके नेटो सहयोगियों ने पहले ही चेतावनी दी है कि यूक्रेन पर रूस के किसी भी हमले के “गंभीर आर्थिक परिणाम” होंगे, जो पहले से ही कोविड-19 महामारी के कारण खराब है।