विश्व के टॉप साइंटिस्ट की सूची में शामिल हुए उत्तराखंड के तीन वैज्ञानिक, जानिए कौन हैं ये वैज्ञानिक

नमिता बिष्ट

उत्तराखंड के तीन वैज्ञानिकों के विश्व के टॉप साइंटिस्ट की सूची में शामिल होने से एक बार फिर उत्तराखंड गौरवान्वित हुआ है। कैलिफोर्निया के स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय के शोध सूमह ने विश्व के टॉप 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची जारी की है। जिसमें गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के तीन प्रोफेसर आरके मैखुरी, डॉक्टर अजय सेमल्टी और प्रोफेसर रमोला फिर अपना स्थान बनाने में कामयाब रहे हैं।

गढ़वाल केंद्रीय विवि के खाते में बड़ी उपलब्धि
गढ़वाल केंद्रीय विवि के खाते में यह एक और बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। बता दें कि प्रोफेसर आरके मैखुरी और प्रोफेसर आरसी रमोला ने इस सूची में दूसरी बार अपना स्थान बनाया है। जबकि डॉक्टर अजय सेमल्टी ने इस सूची में तीसरी बार अपना स्थान बनाने में कामयाब हुए हैं। तीनों के टॉप 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में शामिल होने पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने खुशी का इजहार किया है।

तीनों ही अपने-अपने क्षेत्र के धुरंधर वैज्ञानिक
प्रोफेसर आरके मैखुरी—-
प्रोफेसर आरके मैखुरी हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि में पर्यावरण विभाग के विभागाध्यक्ष हैं। प्रो मैखुरी जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान की गढ़वाल इकाई में प्रभारी वैज्ञानिक के पद पर 39 साल के शोध कार्यकाल के बाद मई 2020 से गढ़वाल विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं। बता दें कि उनके 20 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध परियोजनाओं पर कार्य करने के साथ 211 शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं।

प्रोफेसर अजय सेमल्टी—–
वहीं प्रोफेसर अजय सेमल्टी हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि के फार्मेसी विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा जारी विश्व के टॉप 2 फीसदी वैज्ञानिकों की सूची में तीसरी बार अपना स्थान बनाया है। उनके 90 शोधपत्र, 11 पुस्तकें और दो पुस्तक अध्याय प्रकाशित हो चुके हैं।

सीनियर प्रोफेसर आरसी रमोला—-
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि के टिहरी परिसर में भौतिकी विभाग के सीनियर प्रोफेसर आरसी रमोला दूसरी बार इस सूची में शामिल किए गए हैं। उन्हें रेडॉन विकिरण, पर्यावरण सुरक्षा और पदार्थ भौतिकी में शोध का अनुभव है। उनके नाम कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार, 175 शोध पत्र, 26 पुस्तक अध्याय, सात पुस्तकें और 12 शोध परियोजनाएं दर्ज हैं।

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